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उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव खत्म हो चुका है। फिलहाल भाजपा और कांग्रेस नेताओं के पास राज्य में चुनाव संबंधित कोई खास काम नहीं बचा है। ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत विकास कार्यों को लेकर जनता के बीच रूबरू हो रहे हैं। पहले बात करते हैं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की। विधानसभा चुनाव खत्म हो गया है लेकिन हरीश अभी भी घोषणाएं करने में लगे हुए हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने फेसबुक वाल में पोस्ट करते हुए कहा कि अभी आगे बहुत कुछ करना है, जिसे अभी तक नहीं कर पाए हैं। इसे हम अपने घोषणापत्र में भी सम्मिलित नहीं कर पाए। उन्होंने लिखा है कि मुंडन हिन्दु धर्म का एक बड़ा संस्कार है। जब बच्चे का मुंडन संस्कार होता है और जब किसी का देहांत होता है तो उसके पुत्र व अपने लोग भी मुंडन करते हैं। वर्तमान समय में मुंडन करने वाले लोग विलुप्त होते जा रहे है। फिर भी कुछ लोग मुंडन करने वाले है तो उन्हे राज्य सम्मान योजना प्रारंभ करनी होगी।

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव का मतदान खत्म हो गया है। इसके बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लगातार अपनी विधानसभा में लोगों के बीच में है। इस दौरान वह लोगो की समस्या सुनकर उसके समाधान की घोषणा भी कर रहे है। इसी प्रकार उन्होंने गुरुवार को मुंडन करने वालो के लिए सम्मान पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की है। इससे पूर्व उन्होंने घस्यारी सम्मान योजना, शगुन आंखर पेंशन योजना के साथ ही पुलिस कर्मियों को ग्रेड पे करने का वादा भी किया है।

वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गुरुवार को निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज रुद्रपुर का निरीक्षण करने पहुंचे। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि रुद्रपुर मेडिकल कालेज महत्वपूर्ण है। जिले के साथ ही आसपास के क्षेत्रों के लोगों को इससे सुविधाएं मिलेंगी। मेडिकल कालेज के छात्रावास, प्रशासनिक भवन निर्माण का कार्य चल रहा है। स्टाफ के जो पद खाली है जल्द उन पर भर्ती की जाएंगी।

किसकी बनेगी सरकार, दोनों ही दल कर रहे हैं 40 से ऊपर सीट जितने के दावे 

उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव मैदान में उतरे 632 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला 14 फरवरी को मतदाताओं ने कर दिया  है। लेकिन परिणाम के लिए 10 मार्च तक का इंतजार करना पड़ेगा। भाजपा और कांग्रेस अपने-अपने गणित के हिसाब से प्रदेश में सरकार बना रहे हैं। और रोचक तथ्य यह है कि दोनों ही दल खुद को 40 से अधिक सीटें दे रहे हैं।

उत्तराखंड की चुनावी सियासत में दिलचस्पी रखने वाले हर व्यक्ति की यह जानने की इच्छा है कि प्रदेश के मतदाता किस दल को सत्ता की बागडोर सौंपने जा रहे है। परन्तु निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार राज्य में 65.37 मतदान हुआ है। यह आंकड़ा पिछले चुनाव के लगभग बराबर ही है। ऐसे में सियासी पंडित यह अंदाजा नहीं लगा पा रहे हैं कि इस बार राज्य के 53 लाख 42 हजार 462 मतदाताओं ने किसके पक्ष में मतदान किया।