Uttarkashi Avalanche: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में डोकरानी बामक ग्लेश्यिर में आज सुबह अचानक एवलांच आ गया। अचानक आये एवलांच के कारण द्रौपदी का डंडा-2 पर्वत शिखर पर पर्वतारोहण के लिए गए नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के 34 प्रशिक्षुओं और 7 पर्वतारोहण प्रशिक्षकों सहित कुल 41 लोग हिमस्खलन की चपेट में आ गए। जिसके बाद स्थानीय प्रशासन, SDRF, NDRF, ITBP व सेना की टीमें द्वारा रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। उस इलाके में कोई मोबाइल या अन्य तरह का नेटवर्क नहीं है। सैटेलाइट फोन के सहारे कार्य जारी है, लेकिन खराब मौसम और भारी हीम भूस्खलन के कारण राहत बचाव में काफी समस्याएं आ रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक अब तक 9 पर्वतारोहियों के शव बरामद हुए हैं। जबकि 8 पर्वतारोहियों को सुरक्षित रेस्क्यू कर दिया गया है। वहीं, 24 पर्वतारोही अभी भी फंसे हुए हैं। इन्हें निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा था। लेकिन क्षेत्र में भारी बर्फबारी होने के कारण रेस्क्यू आपरेशन को रोक दिया है।
बता दें कि नेहरु पर्वतारोहण संस्थान निम का डोकरानी बामक ग्लेश्यिर में बीते 22 सितंबर से बेसिक/एडवांस का प्रशिक्षण चल रहा था। बेसिक प्रशिक्षण 97 प्रशिक्षार्थी, 24 प्रशिक्षक व निम के एक अधिकारी समेत कुल 122 लोग शामिल थे। जबकि एडवांस कोर्स में 44 प्रशिक्षणार्थी व 9 प्रशिक्षक समेत कुल 53 लोग शमिल थे। जिनमे से 41 पर्वतारोहियों का दल आज सुबह आये एवलांच के कारण हुए हिमस्खलन की चपेट में आ गया।
वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के लिए वायु सेना की मदद मांगी थी। जिसके बाद सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर किया। राहत और बचाव कार्य के लिए वायुसेना ने अपने दो चीता हेलिकॉप्टर को लगाया है। हालाँकि क्षेत्र में भारी बर्फबारी होने के कारण फ़िलहाल रेस्क्यू आपरेशन को रोक दिया है।
गृह मंत्री अमित शाह ने भी हादसे को लेकर अधिकारियों से जानकारी ली
उत्तरकाशी में हुई हिमस्खलन की घटना अत्यंत दुःखद है। इस संबंध में मैंने अधिकारियों से बात की है। स्थानीय प्रशासन, SDRF, NDRF, ITBP व सेना की टीमें पूरी तत्परता से राहत-बचाव कार्यों में जुटी हैं।