उत्तराखंड धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत अपने बेबाक बयानों के लिए सियासी गलियारे में चर्चित रहते हैं। आए दिन उनके बयान मीडिया के साथ सोशल मीडिया पर भी सुर्खियों में बने रहते हैं। पिछले दिनों और ऋषिकेश दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्री हरक सिंह के कंधे पर हाथ रखकर पूछा था कैसी चल रही है आपकी ‘हनक’। पीएम मोदी की मुलाकात के बाद हरक गदगद हैं।
उससे पहले दिल्ली में वह गृहमंत्री अमित शाह से भी विधानसभा चुनाव को लेकर लंबी मुलाकात कर चुके हैं। आज एक बार फिर हरक सिंह अपने बयान को लेकर चर्चा में है। उन्होंने एक बार फिर दोहराया है कि वह साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में विधायकी का चुनाव नहीं लड़ेंगे। कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि अब उनकी चुनाव लड़ने की बिल्कुल इच्छा नहीं है। वे पार्टी हाईकमान को भी अपने मन की बात बता चुके हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि हाईकमान का जो भी आदेश होगा उसका परिवार का एक सदस्य होने के नाते पालन किया जाएगा।
हालाँकि यह पहली बार नहीं है जब हरक सिंह रावत ने मीडिया के सामने यह बयान दिया है बल्कि इससे पहले भी कई बार हरक सिंह रावत इस बात को कह चुके हैं कि वो 2022 का चुनाव नहीं लड़ेंगे। डॉ. हरक सिंह रावत अब तक कई अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़कर जीत हासिल कर चुके हैं। सबसे पहले वर्ष 1991 में पौड़ी विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर उत्तर प्रदेश विधानसभा में गए थे। तब वह विधानसभा में सबसे कम उम्र के विधायक थे। इसके अलावा उत्तराखंड राज्य बनने के बाद वह लगातार लैंसडाउन, रुद्रप्रयाग, कोटद्वार से चुनाव जीत चुके हैं। उन्होंने पार्टी हाईकमान से कहा कि विधायक के रूप में काम करते हुए उन्हें काफी समय हो चुका है, अब नए लोगों को मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी चुनाव लड़ाने के लिए बजाय यदि संगठन में काम देती है तो वे एक कार्यकर्ता के रूप में काम करेंगे।