पौड़ी गढ़वाल: उत्तराखंड में युवाओं के “रोल मॉडल”, केदारनाथ पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले, यूथ फाउंडेशन के संस्थापक व नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के पूर्व प्राचार्य कर्नल अजय कोठियाल (रिटायर्ड) अब पौड़ी गढ़वाल संसदीय सीट से निर्दलीय मैदान में उतर सकते हैं। बतादें कि गढ़वाल संसदीय सीट के लिए बीजेपी प्रत्याशी के प्रबल दावेदारों में से एक कर्नल कोठियाल को अंतिम समय में निराशा हाथ लगी। बीजेपी ने गढ़वाल संसदीय सीट के लिए पार्टी के राष्ट्रीय सचिव तीरथ सिंह रावत को तरजीह देते हुए अपना उम्मीदवार बनाया है। जिसके बाद से चर्चा है ऑपरेशन पराक्रम के दौरान अकेले 17 आतंकवादियों को ढेर करने वाले भारतीय सेना के रिटायर्ड कर्नल अजय कोठियाल अब निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में गढ़वाल संसदीय सीट से चुनाव लड़ेंगे। सूत्रों के मुताबिक वे 25 मार्च को नामांकन कर सकते है। अगर ऐसा होता है तो गढ़वाल संसदीय सीट पर जबरदस्त त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। जिस तरह से कर्नल अजय कोठियाल की उत्तराखंड के यूथ में छवि बन चुकी उसको देखकर लगता है कि भाजपा और कांग्रेस के लिए वे बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकते है। इसके अलावा पौड़ी गढ़वाल में भूतपूर्व सैनिको एवं सेना से जुड़े परिवारों के बहुत ज्यादा वोट हैं। चूँकि कर्नल अजय कोठियाल सेना बैकग्राउंड से आते हैं इसलिए ये वोट निर्णायक हो सकते है।
अपनी पेंशन से चलाते हैं बेरोजगार युवाओं के लये भर्ती कैंप
बता दें कि युवाओं के रोल मॉडल कर्नल कोठियाल किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। सेना में रहते हुए ऑपरेशन पराक्रम के दौरान अकेले 17 आतंकवादियों को ढेर करते हुए सीने पर दो गोलियां खाने वाले जांबाज कर्नल कोठियाल का जज्बा सेवानिवृत्ति के बाद भी जारी है।
मूल रूप से टिहरी गढ़वाल के रहने वाले कर्नल अजय कोठियाल सामाजिक संस्था यूथ फाउंडेशन के संस्थापक हैं और यूथ फाउंडेशन के माध्यम से नगर, कस्बों व गांवों में किशोरियों/युवतियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते है। वह अपनी पूरी पेंशन से उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं के लिए भारतीय सेना में शामिल होने के उद्देश्य से कैंप चलाते हैं। उत्तराखंड में आज भी करीब 800 युवा उनके द्वारा चलाये जा रहे ट्रेनिंग कैंपों में प्रिशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। अब तक उनके द्वारा प्रशिक्षित कई युवक/युवतियां सेना में भर्ती हो चुके है। बतादें कि कर्नल कोठियाल ने आज तक शादी नहीं की है। फोर्थ गढ़वाल राइफल में सैन्य अधिकारी रहते हुए उन्हें वीरता और साहस के लिए कीर्ति चक्र, शौर्य चक्र, विशिष्ट सेवा मेडल से भी नवाजा जा चुका है।
केदारनाथ पुनर्निर्माण में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
2013 में रिटायर्ड कर्नल अजय कोठियाल ने जैसे ही उत्तरकाशी स्थित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के प्राचार्य का पदभार ग्रहण किया उसके दो महीने बाद ही प्राकृतिक आपदा ने केदारनाथ में तबाही मचा दी। इस दौरान उत्तरकाशी में भी भारी तबाही हुई थी। कर्नल कोठियाल ने उत्तरकाशी में निम की टीम के साथ उस आपदा सैकड़ों लोगों की जान बचाते हुए कई कार्य किये। जब केदारनाथ को दुबारा बसाने की बारी आई तो वहां की दुर्गम और विषम भौगोलिक परिस्थितियों में सबने हाथ खड़े कर दिए। आपदा को करीब से देखने वालों का मानना था कि आने वाले १० सालों तक केदारनाथ की यात्रा नामुमकिन है। तब राज्य सरकार ने उत्तरकाशी आपदा में अल्प समय में बेहतर कार्य करने वाले निम के प्राचार्य, रिटायर्ड कर्नल अजय कोठियाल से केदारनाथ पुनर्निर्माण में मदद की गुहार लगाई। एवरेस्ट सहित भारत एवं नेपाल की 18 चोटियाँ फतह कर चुके कर्नल अजय कोठियाल ने ऑपरेशन केदानारथ पुनर्निमाण की चुनौती को स्वीकार करते हुए अपनी हिम्मत और मेहनत के दम पर बहुत काम समय में केदारनाथ को दुबारा बसाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।जिसके बाद उत्तराखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश का ध्यान कर्नल कोठियाल और निम की और गया। उनकी इस छवि को देखते हुए कहा जा सकता है कि अब पौड़ी सीट पर यक़ीनन बीजेपी, कांग्रेस और कर्नल कोठियाल के बीच कांटे का त्रिकोणीय मुकाबला होने वाला है।
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