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श्रीनगर: राजकीय बालिका इंटर कॉलेज श्रीनगर में सात दिवसीय (हिंदी, गणित, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान) सेवारत प्रशिक्षण के समापन समारोह के अवसर पर खंडशिक्षा अधिकारी अश्वनी रावत, प्रधानाचार्य सुमन लता पंवार (GGIC श्रीनगर), सहायक नोडल अधिकारी उदयराम भट्ट, कार्यक्रम प्रभारी मुकेश काला और मास्टर ट्रेनर उपस्थित थे। सन्दर्भदाता की भूमिका हरेंद्र कुमार गणित, वेद प्रकाश वेदवाल अंग्रेजी, राजवीर सिंह बिष्ट अंग्रेजी, शिवेन्द्र रावत विज्ञान, सन्दीप कोली, सर्वेश गौड, रेखा सर्गवाण हिन्दी, दुर्गा नेगी हिन्दी, सजीत मोहन सा. विज्ञान शिक्षकों की भूमिका रही।

सन्दर्भदाताओं द्वारा राष्टीय शिक्षा नीति 2020, क्रियात्मक शोध, पाठ्य चर्चा, पाठ्यक्रम पाठ्यक्रम और पाठ्य पुस्तक ओपन इ-रिसोर्स, शैक्षिक से महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर उनका कक्षा कक्ष प्रदर्शन, प्रतिभा दिवस, मिशन कोशिश, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य बालशखा, गाइडेंस एंड इन्सपायर अवॉर्ड, NTSE, NMMSS, वेरिफिकेशन, दीक्षा, राष्ट्रीय उपलब्धि, सर्वे आदि पर चर्चा हुई।

विषयवार सन्दर्भ दाताओ द्वारा कठिन विषयों की पहचान एवं कैप्सूल निर्माण, संबोधन पर कैप्सूल, कैप्सूल निर्माण एवं प्रस्तुतीकरण विद्यालय बचाव एवं सुरक्षा, आपदा प्रबंधन आदि पर चर्चा एव प्रस्तुतीकरण किया गया। सभी प्रतिभागियो द्वारा कैप्सूल निर्माण कर चार्ट द्वारा ग्रुप प्रस्तुतीकरण किया गया।

प्रशिक्षणार्थियों को समूह में पाठ्यचर्या, पाठ्य पुस्तक पाठ्यक्रम क्रियात्मक शोध आदि विभिन्न विषयों पर चर्चा का समय दिया। सभी समूह ने चार्ट के  माध्यम से बड़ी सहजता के साथ अपनी बात रखी। खण्ड शिक्षा दृष्टि अधिकारी अश्वनी रावत ने नई एवं शिक्षा नीति 2020 पर विचार में विमर्श करते हुए कहा नई शिक्षा में परंपरागत मूल्यों को ध्यान में रखते हुए भावी पीढ़ी की प्रतिभा को देखते हुए विषय लेने की स्वतंत्रता दी गई है।

6 दिवसीय सेवारत प्रशिक्षण का लक्ष्य भावी पीढ़ी में ऊर्जा का संचार पैदा करके उनकी समस्याओं का भय मुक्त वातावरण में समाधान करना है। नई शिक्षा नीति 2020 के संरचनात्मक ढांचे पर चर्चा परिचर्चा की गई। प्रशिक्षण द्वारा शिक्षको के विचारो का आदान प्रदान एवं नवचेतना जागृत होती हैं। इसका लाभ छात्र छात्राओ को दिया जाना चाहिए। शिक्षक प्रशिक्षित है लेकिन प्रशिक्षणों से उसमे नवाचार एवं नई विधा विकसित होती है।

विद्यालय सुरक्षा के अन्तर्गत हरेन्द्र कुमार द्वारा आनन्दम प्रक्रिया के अन्तर्गत ध्यान द्वारा अर्न्तनिहित भावो को समझने हेतु प्रत्येक शिक्षक को ध्यान करने हेतु गतिविधि की गई। अजीम प्रेमजी फाउन्डेशन से मीमांशा चमोली द्वारा विद्यालय सुरक्षा पर विस्तृत जानकारी दी गई। समापन अवसर पर खण्ड शिक्षा अधिकारी अश्वनी रावत द्वारा प्रमाणपत्र वितरित किये गये। उन्होने कहा कि इस प्रशिक्षण का लाभ शिक्षक कक्षा कक्षो मे विद्यार्थियों को पठन पाठन की प्रक्रिया मे अवश्य करे, तभी इन प्रशिक्षणो की सार्थकता सिद्ध होती है।