श्रीनगर गढ़वाल : राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के बेस अस्पताल में बने कोरोना वार्ड में भर्ती एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति की रविवार को मौत होने से हडकम्प मच गया। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमण से यह पहली मौत की घटना है। जानकारी के मुताबिक रूद्रप्रयाग जनपद निवासी 68 वर्षीय कोरोना संक्रमित शख्स बीते 6 जून को रुद्रप्रयाग से रेफर होकर श्रीनगर मेडिकल कॉलेज बेस अस्पताल के कोरोना वार्ड में भर्ती हुए थे। रविवार देर रात उनका निधन हो गया। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के मेडिसन विभाग के अध्यक्ष और कोरोना के नोडल अधिकारी प्रोफेसर डॉ. केएस बुटोला ने बताया कि मल्टी आर्गन फेलियर होने से उक्त शख्स की मौत हुई। वह मधुमेह और ब्लड कैंसर से पीड़ित भी था, जिसका दिल्ली में इलाज चल रहा था।
दुखद बात यह है कि मरीज की मृत्यु का समाचार जब उसके परिजनों को दिया तो कोरोना के खौफ के चलते परिजनों में कोई आने को तैयार नहीं हुआ। मेडिकल कॉलेज प्रशासन को उस समय पसीने छूट गए जब मृतक का पुत्र और दो अन्य रिश्तेदार वहां से बिना बताए चले गए। प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. रावत ने मृतक के पुत्र को उसके मोबाइल नम्बर पर कई बार संपर्क किया, लेकिन वह नहीं पहुंचा। उसके शव को श्मशान घाट भिजवाने के साथ ही अंतिम क्रिया करवाने तक की सारी व्यवस्थाएं मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने की। डॉक्टरों की टीम डॉ. पुष्पेन्द्र व अनिल द्वारा उक्त व्यक्ति को कंधा दे कर श्मशान घाट तक पंहुचाया गया व चिता में भी रखा गया।
प्राचार्य डॉ. रावत ने बताया कि कई बार उसके पुत्र को फोन कर बड़ी मुश्किल से चिता को अग्नि देने के लिए बुलाया गया। मृतक के बेटे के आने पर उसे भी पीपीई किट पहनाकर पूर्ण सुरक्षा के साथ अंतिम संस्कार करवाया गया। शव को लाने वाले वाहन को भी पूर्ण सैनेटाइज किया गया।
डॉ. रावत ने कहा कि यह बडे दुर्भाग्य की बात है कि मृत व्यक्ति के परिजन अपना शव लेने तक नहीं आये। उन्होने कहा कि शव के दाह संस्कार में कोई डरने वाली बात नहीं है शव को इस प्रकार रखा जाता है कि इससे कोरोना नहीं फैल सकता है। उन्होने दुख जताते हुये कहा कि यह काम परिजनों का है पर डॉक्टरों द्वारा मानवता दिखाते हुये मृत व्यक्ति के अतिंम संस्कार के काम को विधिवत पूरा करवाया।