covid-care-center-satpuli

सतपुली : पूरे देश व प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर आने पर पहाड़ो में भी कोरोना के मरीजों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है। वहीं कोविड केयर सेंटर में भी आये दिन कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में स्वास्थ्य कर्मचारियों की जिम्म्मेदारी व काम करने का समय भी बढ़ गया है। अपने परिवार से दूर रहकर अपने जान को जोखिम में डालकर सतपुली में पचास बेड के कोविड केयर सेंटर में कोरोना योद्धा अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए तैनात हैं। सुनिए सतपुली के कोरोना योद्धाओं की कहानी इनकी जुबानी।

डॉ. आरती बहेल साढ़े चार वर्षीय बेटी की देखरेख के साथ निभा रही अपनी ड्यूटी।

कोविड केयर सेण्टर सतपुली की प्रभारी डॉ आरती बहेल बताती है कि वह अपनी साढ़े चार साल  की बेटी प्रियंवदा भारद्वाज के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पाटीसैण में सरकारी आवास में रहती है। इस समय डॉ आरती विकासखंड एकेश्वर, पोखड़ा की प्रभारी चिकित्साधिकारी होने के साथ कोविड केयर सेण्टर सतपुली का कार्यभार भी कार्यभार संभाल रही है। कोविड में ड्यूटी के दौरान उन्हें सुबह घर से जल्दी निकालना पड़ता है तब उनकी बेटी सोयी रहती है और जब वापस देर शाम लौटती है तो बेटी कहती है मम्मी आप सुबह इतनी जल्दी क्यों चले गयी मैं उठी भी नही थी तब आपने सुबह से मुझे गले भी नही लगाया। फिर मैं जल्दी से नहाने के बाद अपनी बेटी को गले लगाती हूँ लेकिन फिर भी डर बना रहता है कि कहीं कोरोना का वायरस न घूम रहा हो।

कोविड को हल्के में न ले लोग : डॉ तन्मय बधानी

कोविड केयर सेंटर में अपनी तन्मयता के साथ काम कर रहे डॉ तन्मय बधानी हमेशा पीपी किट व डबल लेयर मास्क पहनकर मरीजों का इलाज कर रहे है। जिससे संक्रमण का खतरा कम रहे और सभी सुरक्षित रह सके।

डॉ तन्मय बताते है इस बार सभी लोगो को ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है क्योंकि इस बार कोरोना के लक्षण अचानक से बदल रहे है और तुरन्त ऑक्सीजन की कमी हो रही है। इसलिए लापरवाही न करे और अगर थोड़ा भी लक्षण कोरोना के लगे तो तुरंत अपना इलाज शुरू कर दे।

मरीजों को समय पर दवाई उपलब्ध कराना है फार्मासिस्ट विनय की प्राथमिकता

फार्मासिस्ट विनय की नौकरी कोविड के दौरान अगस्त माह में लगी और उन्हें कोविड केयर सेंटर सतपुली में जिम्मेदारी दी गयी। तब से विनय कोरोना मरीजों को समय पर दवाईयां उपलब्ध करवा रहे है। विनय बताते है कि पिछले साल अक्टूबर माह में एक कैदी आया था जिसे बहुत दिक्कत थी उसको बाद में यहाँ से बेस अस्पताल श्रीनगर रेफर करना पड़ा था और दिक्कत ज्यादा होने के कारण मैं भी एम्बुलेंस में उसके साथ गया। लेकिन रास्ते में मुझे डर बना रहा की कही कैदी कोई और हरकत न करे यहाँ से भागने के लिए लेकिन जब श्रीनगर में उसे एडमिट कर दिया गया तब जाकर मैंने चैन की साँस ली।

कठिन समय में लोगो की सेवा का मिला है मौका : अनीता

सफाईकर्मी अनीता का कहना है कि इस कोरोनाकाल में साफ सफाई बहुत जरुरी है और मुझे मौका मिला है कि मैं इस कठिन समय में लोगों की सेवा कर सकूँ। अस्पताल में मैं पूरी सावधानी के साथ पीपी किट पहनकर साफ सफाई करती हूँ ताकि अपने को व अपने परिवार को इस संक्रमण से बचा सकूँ।

 वार्ड बॉय दीपक ड्यूटी के दौरान हो गया कोरोना पॉजिटिव

आउटसोर्सिंग से लगे साढ़े सात हजार रुपये में नौकरी कर रहे वार्ड बॉय दीपक कोविड केयर सेंटर में ड्यूटी दौरान खुद ही कोरोना पॉजिटिव हो गए। ड्यूटी के दौरान कोविड मरीजों के सीधे सम्पर्क में रहकर उनको खाना देना व अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराते हुए अपनी सेवा देते हुए वो खुद ही कोरोना पॉजिटिव हो गये। उन्होंने बताया कि उनका स्वास्थ्य अब बहुत अच्छा है कुछ समय बाद वो फिर अपनी ड्यूटी में तैनात हो जायेंगे।

मनीष खुगशाल ‘स्वतन्त्र’