Dehraduns Vaibhav bijlwan became Islam supporter

 Dehradun News: उत्तराखंड में लव जिहाद,लैंड जिहाद और धर्मांतरण को लेकर मच रहे बवाल के बीच राजधानी देहरादून से एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है। देहरादून पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक डोईवाला क्षेत्र का एक 24 वर्षीय युवक वैभव बिजल्वाण क्रिप्टो में ऑनलाइन ट्रेडिंग करते-करते इस्लाम का कट्टर समर्थक बन गया। वह तीन-चार साल से घर से बाहर तक नहीं निकला है। उसने ऑनलाइन नमाज पढ़ना भी सीख लिया। ऑनलाइन इस्लामिक साहित्य पढ़ने और कुछ ग्रुपों से जुड़कर उसका अपने मूल धर्म से इतना मोह भंग हुआ कि पिता के टोकने पर मारपीट करने लगा।

क्या है पूरा मामला

एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने मीडिया को बताया कि डोईवाला के बुल्लावाला गढ़वाली कॉलोनी निवासी कृष्ण बिजल्वाण ने शुक्रवार को पुलिस से शिकायत थी कि उनका बेटा वैभव बिजल्वाण बीते तीन-चार साल से घर से बाहर नहीं निकला है। वह ज्यादातर समय अपने कमरे में ही रहता है। एक दिन जब उसके पिता ने वैभव से बात की तो वह खुद को मुस्लिम बताने लगा। उसने उर्दू बोलना और ऑनलाइन नमाज पढ़ना भी सीख लिया है। वह कमरे में बैठकर पांच वक्त की नमाज भी पढ़ता है। उन्होंने टोका और उसे मनोचिकित्सक के पास ले जाने को कहा। इस पर वैभव ने पिता के साथ ही मारपीट की। परिवार के अन्य सदस्यों के साथ भी अभद्रता करने लगा। शिकायत के आधार पर पुलिस मौके पर पहुंची और कमरे की जांच-पड़ताल की।

एसएसपी ने बताया कि युवक ने पॉलीटेक्निक की पढ़ाई की है। उसके कमरे से एक लैपटॉप मिला है। बताया जा रहा है कि उसने तीन साल पहले लॉकडाउन के वक्त क्रिप्टो में ट्रेडिंग शुरू की थी। इसी दौरान वह कुछ इस्लामिक ग्रुप से जुड़ गया। वहां उसने उर्दू बोलना सीख लिया। कमरे में बैठकर पांच वक्त की नमाज भी पढ़ता है। एसएसपी ने बताया कि इस बीच कुछ लोग उसके पाकिस्तान से संपर्क होने की बात भी कर रहे हैं। लेकिन, पुलिस जांच में अभी तक ऐसा तथ्य सामने नहीं आया है।

वैभव का लैपटॉप कब्जे में लिया गया है। उससे पूछताछ भी की जा रही है। प्रथमदृष्टया वह डिप्रेशन में लग रहा है। उसके पिता उसे डॉक्टर के पास ले जाना चाह रहे थे। उसके लैपटॉप में यूट्यूब वीडियो की हिस्ट्री भी मिली है। यह चैनल कहां के हैं और कौन इन्हें चला रहा है, इसकी जांच की जा रही है।

एसएसपी ने बताया कि वैभव केवल खाना खाने के लिए ही कमरे से बाहर आता था। इस दौरान भी वह इस्लाम के बारे में ही बात करता था। पुलिस ने भी जब उससे पूछताछ की तो वह खुद को मुस्लिम ही बता रहा है। वह इस्लाम की तारीफें कर रहा है और अपने मूल धर्म के बारे में अनर्गल बातें कर रहा है। घरवालों से भी वह इस्लाम के बारे में ही बातें कर रहा था।

क्या कहना है वैभव के पिता का 

वहीँ वैभव के पिता कृष्ण बिजल्वाण का आरोप है कि उनके बेटे का ब्रेन वॉश किया गया है। वो वैभव को पढ़ाई के लिए लगातार पैसे दे रहे थे। जब तीन चार साल हो गए तो उन्होंने पता किया की बेटा क्या कर रहा है और कौन की डिग्री ले रहा है। लेकिन पूछने पर भी वैभव ने पिता को कभी बताया ही नहीं। जिसके बाद उन्हें पता चला कि वैभव कुरान की आयतें पढ़ता है। शक होने पर उन्होंने वैभव से बात करना चाहा तो वैभव ने उन पर थूक दिया। बेटे के व्यवहार से हैरान पिता ने जब उसका बदला स्वरूप देखा तो उनका शक गहराया। पिता को आशंका हुई कि इसके पीछे किसी ना किसी का हाथ है। उन्होंने सोचा कि अभी तो चार साल हुए हैं लेकिन आगे समस्या और न बढ़ जाए इसलिए उन्होंने पुलिस को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहना कि वैभव उनका इकलौता बेटा है। उनको शक है कि जब वैभव नाबालिग था तब से ही कोई उसके पीछे लगा होगा। किसी ने बहलाकर वैभव का ब्रेन वॉश किया है।

कृष्ण बिजल्वाण का कहना है कि वैभव के व्यवहार में इन चार सालों में काफी बड़ा बदलाव देखने को मिला है। वो न किसी से बात करता था और न ही कमरे से बाहर निकलता था। जब वो कमरा खोलने के लिए कहते थे, तब भी वैभव कमरा नहीं खोलता था। पिता कृष्ण बिजल्वाण ने बताया कि जब घर में कोई नहीं होता था तब वो नाश्ता और खाना खाता था। उन्होंने बताया कि वैभव ने सॉफ्टवेयर डेवलपर का कोर्स किया हुआ है। उसके बाद भी उन्होंने डिग्री के लिए उसे पैसे दिए। वो पैसे कहां गए किसी को पता नहीं। पिता ने बताया कि ऐसा भी नहीं है कि उसका यहां कोई दोस्त हो, उसका आसपास में कोई दोस्त नहीं है।

बच्चों को लेकर सचेत रहने की जरुरत

आजकल इन्टरनेट का जमाना है। हर चीज ऑनलाइन मिल रही है. ऐसे में बच्चे अक्सर इन्टरनेट पर पढ़ाई करते करते इधर-उधर भटक जाते हैं। अगर आपके बच्चे भी अत्यधिक इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं और चुपचाप बिना किसी से मिले अकेले अकेले रह रहे हैं तो आपको भी सचेत होना चाहिए। क्योंकि इंटरनेट पर ब्रेन वॉश करने वाले गेम और कई ऐसे चैनल हैं जो तरह-तरह के मोह जाल में फंसा कर बच्चों को धार्मिक कट्टरपंथ का शिकार बना रहे हैं, जिसके नतीजे आगे चलकर परिवार के साथ साथ समाज के लिए भी खतरनाक हो सकते हैं।