nature-beauty

पौड़ी गढ़वाल के कल्जीखाल ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम गडकोट के शिक्षक विकास कुमार द्वारा प्रकृति की खूबसूरती को अपनी कविता के माध्यम से बड़े ही दिलकश अंदाज में बयां किया है। आप भी पढ़िए शिक्षक विकास कुमार की कविता….

“धरती का श्रृंगार”
कुछ इस तरह आई एक बौछार
कर गयी धरती का नया श्रंगार।
नई-नई अब धरती लगती
नई-नई मन में बाहर।
मन मोहने वाले ये पहाड़
देख इनको मै कर रहा विचार।
कौन है धरती का ये अनमोल चित्रकार
बैठ किसी कोने में जो कर रहा धरती का श्रंगार।
हरा रंग उसने भर दिया
पहाड़ो में आगयी बाहर।
नीला रंग आसमा में करके
आसमा को दिया निखार।
हरे भरे सब वृक्ष बन गए
फूलो में हर रंग किया बहाल।
हरा रंग धरती पर करके
धरती को भी दिया निखार।
श्वेत रंग की डिबिया खोली
कोहरे से ढक दिया फिलहाल।
श्वेत रंग उड़ जाएगा जब
कोहरा लग जायेगा पार।
दिख जाएगा पूरा दृश्य
मन मोह लेगा फिर एक बार।
धरती के ए अनमोल चित्रकार
हम पर करना ये उपकार।
इस मातृभूमि पर शीश नवाने आते रहे हम बारम्बार।

लेखक – शिक्षक विकास कुमार
ग्राम- गढ़कोट।