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श्रीनगर गढ़वाल: दिवाळि यानि बग्वाळै दिन 07 नम्बर 2018 खुणी भगवान नगेला द्यबता का चौक मा (जखोली ब्लाक, लस्या पट्टीक कुण्ड सौड, उरोली गौं मा) रुद्रप्रयाग का गीतकार, कवि अजय नौटियाल जी कु गीत “कुण्ड सौड कु थौळु” कु लोकार्पण अर गढ़कवि सम्मेलन ऐत्यासिक रै। अगल-बगल क गौं का लोगूं, जनप्रतिनिधियूं अर एस.डी.इ. प्रोडक्शन की टीम का सदस्यूं को बग्वाळ का दिन यु कारिज उर्यायूं छौ।

गीतकार अजय नौटियाल का ये गीत तैं लोक गायक वीरेंद्र राजपूत को गयूं छ अर पांडवाज क्रिएशन का ईशान डोभाल कु ये गीत मा संगीत दियूं च। ये कार्यक्रम मा मुख्य अतिथि का रूप मा जनपद रुद्रप्रयाग का विधायक भरतसिंह चौधरी जी, विशिष्ठ अतिथि का रूप मा राज्य बाल संरक्षण आयोग का सदस्य वाचस्पति सेमवाल जी, वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मी प्रसाद डिमरी जी, ग्राम सभा का प्रधान जी मनोहर प्रसाद जी, दीपक राणा जी, दौलत राणा जी क दगड़ा उरोली अर अगल-बगल क गौं का दाना-सयाणा लोगूं कि गरिमामय उपस्थित छै। गढ़कवियूंन आम लोगूं से जुड्यां विषयों पर जब काव्य पाठ करि त माननीय विधायक जीन् अर सब्या अथितिगणोंन् यांकि भौत बढ़ै करी।

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ये कार्यक्रम मा कवि नंदन राणा न गढ़वळि कविता का दगड़ा प्रेम विषय पर कविता- “प्रेम कर्मयोग गीता का, प्रेम धर्म योग सीता का”, श्रीनगर बटि अयां आखर समिति का अध्यक्ष अर गढ़वळि साहित्यकार संदीप रावत न “एक लपाग” कविता- “कबि होंदन फेल कबि होंदन पास, कबि दिल खुस कबि होंद उदास”, अजय नौटियाल न “तै रुप रंग थै सैकीक रखले मन मौज्या न ह्वै पाछ पछतै ना रे…” गायक विक्रम कप्रवाण न् “बदली जमानु ,बदलेनी रीत रिवाज”, संदीप वशिष्ठ न गढ़वळि कविता का दगड़ा  कन्या भ्रूण हत्या पर रचना – “माँ, मुझे भी दिखला दो इस दुनियाँ के रंगों को” रचना सुणै।

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प्रकृत्या गोद मा (देवदार अर बांज- बुरांस का डाळों बीच बस्यां) नागेन्द्र द्यबता/नगेला द्यबता का चौक मा बग्वाळै दिन भौत ही सुन्दर अर यादगार कार्यक्रम छौ। रुद्रप्रयाग का माननीय विधायक जी अर कवियूं कि विदै बि ढोल- दमौ बजै करे ग्ये।