गौचर: उत्तराखण्ड मे हो रही मुसलाधार बारिश और बादल फटने एवं भूस्खलन से कई जगहों पर प्राक्रतिक आपदा के हालत पैदा हो चुके हैं। चमोली जनपद के थराली के बाद अब गौचर क्षेत्र में भी बारिश ने कहर बरपाना शुरू कर दिया। सोमवार देर रात हुई मूसलाधार बारिश एवं भूस्खलन से भट्टनगर गांव में जहां भट्टनगर-रानौं मोटर मार्ग बंद हो गया है वहीं एक भैसे की मलबे मे दबने से मौत हो गई है। कल रात तेज बारिश और भूस्खलन कई खेत बह गए।
सोमवार रात हुई मूसलाधार बारिश से दूनागिरी होटल के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग की दीवार टूट गई। मुसलाधार बारिश के तेज बहाव साथ दीवार का मलबा नीचे भट्टनगर-रानौं मोटर मार्ग से होता हुआ नगर पालिका की निर्माणाधीन मिनी पार्किग की दीवारों को तोडता हुआ भट्टनगर गांव निवासी भगवती सिलोडा के गौशाला तक जा पहुंचा। जहाँ भैंस बंधी होने के कारण भैसे की मलबे के नीचे दबने से मौत हो गई।
घटना की सूचना पाते ही एसडीएम गोविंदराम बिनवाल, तहसीलदार विपिन पंत, राजस्व उप निरीक्षक जगदीश ओलिया मौके पर पहुंचे। इसके पश्चात एनडीआरएफ की टीम डॉगस्क्वाड के साथ मौके पर पहुंच कर दबी भैस को ढूंढने का प्रयास किया। एनडीआरएफ की टीम द्वारा बड़ी मशक्कत करके भैसे के शव मलबे से बाहर निकला गया है। लोनिवि ने भी भट्टनगर-रानौं मोटर मार्ग को खोलने का काम युद्ध स्तर पर शुरू किया है।
इस घटना के तुरंत बाद एसडीएम ने एनएच के अधिकारियों को नाली का पानी डाइर्वड करने के आदेश देते हुए पालिका को गांव जाने वाले रास्ते को तत्काल खोलने को कहा। एनएच के अधिकारियों का कहना था कि एनएच पर गांव के ठीक ऊपर बनाए गए कलवटों से खतरे की संभावना लोनिवि को बता दी गई है। उनका कहना है कि अभी कई भूस्खलन क्षेत्र विकसित हो रहे हैं। पूर्व सभासद अनिल नेगी के अनुसार केंद्रीय विद्यालय के नीचे हुए भूस्खलन से विद्यालय को खतरा पैदा हो गया है। पनाई नहर भी मलवे से दब गई है। काश्तकारों के सामने अब सिंचाई का संकट पैदा हो गया है। सिंचाई के सहायक अभियंता जगदीश थपलियाल का कहना है कि धन की प्रत्याशा में नहर का मलवा हटाने का काम शुरू कर दिया गया है।
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