श्रीनगर गढ़वाल : कोविड-19 महामारी से हम अपनी दिनचर्या, काम के तरीकों और सुरक्षा के उपायों पर विशेष ध्यान देकर ही सुरक्षित रह सकते हैं। शिक्षक विभिन्न नवाचारी तरीकों से बच्चों और समाज में सकारात्मक माहौल बनाने की पहल कर रहे हैं जो कि बहुत महत्वपूर्ण और सराहनीय काम है। ये बात गढ़वाल मण्डल स्तर पर आयोजित वेबिनार में महावीर सिंह बिष्ट, अपर निदेशक (माध्यमिक) गढ़वाल ने कही। वेबिनार में गढ़वाल मण्डल के चार जनपदों से 300 से ज्यादा शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।
वेबिनार का संदर्भ रखते हुये अज़ीम प्रेमजी फाउण्डेशन के गढ़वाल प्रभारी जगमोहन कठैत ने कहा कि हम जिस दौर में हैं उसमें संवाद की बहुत जरूरत है। शिक्षक साथियों के साथ होने वाले आज के वेबिनार में हम महावीर सिंह बिष्ट, अपर निदेशक को सुनने के साथ ही उनके साथ सवाल-जवाब करेंगें। इस माध्यम के जरिये हम अपने काम और अनुभवों के जरिये सकरात्मक ऊर्जा फैलाने की पहल है। अपनी बात को रखते हुये अपर निदेशक, महावीर सिंह बिष्ट ने कहा कि कोविड-19 के इस दौर में हमारे शिक्षकों ने जिस तरह सक्रियता से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है वह वाकई शानदार था। बोर्ड परीक्षा, ऑनलाइन शिक्षण, शिक्षण सामग्री निर्माण और कोविड की ड्यूटी में शिक्षकों ने काफी मेहनत के साथ किया है।
इस दौरान हम सोशल मीडिया के माध्यम से अपने शिक्षकों की बहुत सी खूबियों से रूबरू हुये हैं। अपने विषयों की विद्यता के साथ ही शिक्षकों ने कहानी, कविता, चित्र, गीत आदि जैसे सृजनात्मक कामों को बहुत ही शानदार तरीके से किया है। घर पर रहकर व्यायाम, योग और अन्य कामों को हमने किया है जो कि इस दौर के लिये बहुत जरूरी है। मेरा मानना है कि शिक्षण के साथ साथ यदि हम शौकिया तौर पर किये इन सृजनात्मक कामों को अपने विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों तक भी पहुंचा पाये तो यह उनके लिये भी इस दौर से निकलने के लिये सहायक हो सकता है। मैं सोशल मीडिया व आधुनिक संवाद के माध्यमों से शिक्षक साथियों के साथ लगातार जुड़ने का पक्षधर रहा हूं। इसलिये आपके साथ इन माध्यमों से समय-समय पर संवाद करता हूं। इसके जरिये मुझे भी बहुत सारी जानकारी आपके द्वारा मिलती रहती है जो काम को बेहतर करने में प्रेरित और मदद करता है।
कोरोना से के इस दौर में मेरी कोशिश रहती है कि किसी भी शिक्षक को उनके काम के लिये कार्यालयों में कम से कम जाना पड़े। इसके लिये ऑनलाइन माध्यम से आपकी समस्याओं और दिक्कतों को दूर करने की कोशिश कर रहा हूं। हम सबको इस दौर में सबसे पहले अपनी सुरक्षा का ख्याल रखने की जरूरत है। जिसको हम सभी अपने स्तर पर कर ही रहे है। मास्क, सेनिटाइजर और लगातार हाथ धुलने जैसे काम के अब हम धीरे धीरे अभ्यस्त होने लगे हैं।
शिक्षकों की ओर से आ रहे सवालों का जवाब देते हुये उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते अब भविष्य में भी हमारे कामों में बदलाव की जरूरत पड़ेगी। जब भी आने वाले दिनों में विद्यालय खुलेंगे तो विद्यालय को सेनेटाइज करने से लेकर वहां की तमाम प्रक्रियाओं को करने की जरूरत होगी। इस प्रक्रिया में बच्चों के बैठक व्यवस्था से लेकर उनके साथ शिक्षण करने के तरीकों में भी बदलाव की जरूरत पड़ेगी। इस तरह की सजगता हमे और हमारे विद्यार्थियों को सुरक्षित रखने में मददगार होगी। स्कूल में प्रवेश करने पर सेनेटाइजर लगाना, थर्मल टैपरेचर लेना, समय-समय पर हाथ धुलना, कुछ कुछ अंतराल में बच्चों व शिक्षकों का परिक्षण जैसे काम पर भी ध्यान देने की जरूरत होगी। बच्चों के कोर्स से लेकर उनके साथ पढ़ाने की विषयवस्तु की समीक्षा कर तैयारी करने पर भी काम किया जा रहा है। हमें अभी से अपने शिक्षण को कैसे बेहतर किया जाय इसको लेकर सतत काम करने की जरूरत है। इसके लिये बच्चों को विषयों में विभिन्न गतिविधियों और वर्कशीट तैयार करना चाहिए। इनके जरिये हम बच्चों के साथ विभिन्न माध्यमों के जरिये जुड़कर शिक्षण को बेहतर कर सकते हैं।