मंदाकिनी में प्रवाहित किया जा रहा डंपिंग जोन का मलबा
अगस्त्यमुनि: केदारनाथ राष्ट्रीय मार्ग पर चार धाम ऑल वेदर रोड का कार्य कर रही निर्माण एजेन्सी की मनमानी से न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि आम जनमानस भी त्रस्त होने लगा है। निर्माण एजेन्सी द्वारा रोड कटिंग का मलबा डम्पिंग जोन से इतर भी जहां तहां फेंका जा रहा है। यही नहीं जहां पर डम्पिंग जोन बनाया गया है वहां पर नदी की ओर से कोई सुरक्षा दीवार भी नहीं बनाई गई है। जिससे पूरा मलबा नदी किनारे पर जमा हो रहा है, जो बरसात के समय भारी तबाही मचा सकता है। यहीं नही बेतरतीव मलबा गिराने से नगर क्षेत्र की पेयजल लाइनों के साथ ही कई जगहों पर आने जाने के रास्ते भी क्षतिग्रस्त हो गये हैं, जिससे आम जनता को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
ऑल वेदर रोड प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट घोषित है, जिसके निर्माण के हर चरण पर उनकी नजर है। इस प्रोजेक्ट की निर्माण एजेन्सी इसी बात का फायदा उठाकर अपनी मनमानी करने पर जुटा है। निर्माण एजेन्सी द्वारा अधिकांश डम्पिंग जोन ऐसी जगहों पर बनाये गये हैं जो बरसात में खतरनाक साबित हो सकते हैं। यहीं नहीं उनके द्वारा डम्पिंग जोन में नदी की ओर से कोई सुरक्षा दीवार भी नहीं बनाई गई है। जिससे नदी किनारे भारी मात्रा में मलबा एकत्रित हो गया है। जो कि एनजीटी के नियमों के खिलाफ है, मगर निर्माण एजेन्सी को किसी का भी डर नहीं है। केदारनाथ राष्ट्रीय मार्ग पर हर जगह ऐसी ही स्थिति है। आजकल एनएच पर रोड कटिंग का कार्य बन्द है तथा निर्माण एजेन्सी मलबे को हटा रही है। नियमानुसार इसे ट्रकों में लोड कर डम्पिंग जोन में फेंका जाना चाहिए, लेकिन मलबे को बेतरतीब ढ़ंग से कहीं भी फेंका जा रहा है। ऐसा ही कुछ अगस्त्यमुनि से आगे सौड़ी के नजदीक अन्धेरगढ़ी नामक स्थान पर देखा जा सकता है। इस स्थान से नगर क्षेत्र के बनियाड़ी वार्ड में सम्पूर्ण जवाहरनगर एवं बनियाड़ी के कुछ हिस्सों में पेयजल सप्लाई की लाइन जाती है। इसके क्षतिग्रस्त होने से इस क्षेत्र की जनता विगत पांच दिनों से पीने के पानी के लिए तरस गई है। वहीं अगस्त्यमुनि में बाई पास के निर्माण से भी नगर क्षेत्र की पेयजल सप्लाई बाधित हो रही है। जल संस्थान को पेयजल व्यवस्था सुचारू करने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है। इधर वे नलों को व्यवस्थित कर जाते हैं। उधर ऑल वेदर वाले उसे तोड़ देते हैं। जवाहर नगर में रहने वाले विक्रम झिंक्वाण, दीपक बेंजवाल, कमलसिंह पंवार, हरेन्द्र नेगी, कमल नेगी, दुर्गेश कण्डारी रामेश्वरी देवी, अनीता देवी आदि का कहना है कि निर्माण एजेन्सी को कई बार ऐसा करने से रोका गया, मगर उन पर कोई फर्क पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है। अगर ऐसा ही होता रहा तो एनएच के खिलाफ जनता का आक्रोश कभी भी फूट सकता हैं तथा वे राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम भी लगा सकते हैं। वहीं जल संस्थान के जेई वाईएस रौथाण ने बताया कि जवाहर नगर क्षेत्र की पेयजल लाइन को फिलहाल अस्थाई रूप से जोड़ा गया था, लेकिन रोड निर्माण एजेन्सी द्वारा मलबा गिराये जाने से लाइन बार बार क्षतिग्रस्त हो रही है। ऐसा ही अगस्त्यमुनि के बाईपास के निर्माण के दौरान भी हो रहा है। निर्माण एजेन्सी को कई बार इस सम्बन्ध में कहा गया, मगर वे बाज नहीं आ रहे हैं।