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श्रीनगर गढ़वाल : राष्ट्रीय मिशन “NISHTHA” के तहत शिक्षकों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम जीजीआईसी श्रीनगर मे 16 दिसम्बर से प्रारम्भ हो गया। जिसमें जनपद के विभिन्न ब्लाकों के 150 शिक्षक प्रशिक्षण में प्रतिभाग कर रहें हैं। जिसमें पांच कक्षों में ग्रुप बनाकर पांच KRP (की रिसोर्स पर्सन्स) प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

उप शिक्षा अधिकारी पीएल भारती ने बताया कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने प्राथमिक स्तर पर शिक्षा को सशक्त बनाने के लिये एक राष्ट्रीय मिशन ‘नेशनल इनीसिएटिव फॉर स्कूल हेड्स एंड टीचर्स होलीस्टिक एडवांसमेंट’ अर्थात् निष्ठा (National Initiative for School Heads and Teachers Holistic Advancement-NISHTHA) पहल शुरू की है।

उद्देश्य:

छात्रों में महत्त्वपूर्ण सोच को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने के लिये शिक्षकों को प्रेरित एवं प्रशिक्षित करना।

निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दिया जाएगा:

सिखाने का परिणाम
योग्यता-आधारित शिक्षा और परीक्षण
शिक्षार्थी केंद्रित शिक्षाशास्त्र
स्कूली सुरक्षा
व्यक्तिगत-सामाजिक गुण
समावेशी शिक्षा
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित शिक्षण-प्रशिक्षण में सूचना एवं प्रौद्योगिकी का प्रयोग
योग सहित स्वास्थ्य और कल्याण
पुस्तकालय, इको-क्लब, युवा क्लब, किचन गार्डन सहित स्कूली शिक्षा में अन्य पहल
स्कूल नेतृत्व के गुण
पर्यावरणीय मुद्दे
लगभग 42 लाख प्रतिभागियों की क्षमता का निर्माण करने के लिये सभी सरकारी स्कूलों में प्राथमिक स्तर पर सभी शिक्षकों और स्कूलों के प्रमुखों को शामिल करना

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लक्ष्य:

लगभग 42 लाख प्रतिभागियों की क्षमता का निर्माण करना।
सभी सरकारी स्कूलों में प्राथमिक स्तर पर शिक्षकों और स्कूल प्रमुखों को शामिल करना।

प्रशिक्षण राज्य और संघ शासित प्रदेशों द्वारा चिन्हित किये गए 33120 की रिसोर्स पर्सन्स (Resource Persons-KRPs) और स्टेट रिसोर्स पर्सन्स (State Resource Persons-SRP) द्वारा सीधे तौर आयोजित किया जाएगा, जिन्हें राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (National Council of Educational Research and Training-NCERT) राष्ट्रीय प्रशिक्षण शैक्षिक योजना और प्रशासन संस्थान (National Institute of Educational Planning and Administration-NIEPA), केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS), नवोदय विद्यालय समिति (NVS), केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और गैर-सरकारी संगठन द्वारा चिन्हित किये गए 120 नेशनल रिसोर्स पर्सन्सद्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा।

कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताएँ गतिविधि आधारित मॉड्यूल हैं जिनमें अंतर्निहित निरंतर प्रतिक्रिया तंत्र, ऑनलाइन निगरानी और समर्थन प्रणाली, प्रशिक्षण की आवश्यकता और प्रभाव का विश्लेषण (प्री और पोस्ट प्रशिक्षण) शामिल हैं।

LMS का उपयोग रिसोर्स पर्सन्स और टीचर्स के पंजीकरण, संसाधनों के प्रसार, ट्रेनिंग गैप और प्रभाव विश्लेषण, निगरानी, ​​सलाह और प्रगति का ऑनलाइन आकलन करने के लिये किया जाएगा।

सुचारू सुगमता, शिक्षकों की सहायता के लिये डिजिटल सामग्री और प्रौद्योगिकी सक्षम शिक्षण पद्धतियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये इस विशाल क्षमता निर्माण कार्यक्रम को प्रौद्योगिकी के साथ एकीकृत किया गया है।

यह विश्व का अपनी तरह का सबसे बड़ा शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम है। क्लासरूम ट्रांसजेक्शन्स पर टिकाऊ प्रभाव सुनिश्चित करने के लिये यह एकीकृत प्रशिक्षण कार्यक्रम में परामर्शदाता के प्रावधान सहित प्रशिक्षण पश्चात हस्तक्षेप सन्निहित है।