Uttarakhand Forest Fire: उत्तराखंड में बीते दिनों बारिश के चलते शांत हो चुकी जंगलों की आग एक बार फिर से सुलगनी शुरू हो गई है। लगातार चढ़ रहे पारे से एक बार फिर जंगलों में आग भड़क उठी है। गुरुवार को राज्य में गढ़वाल से लेकर कुमाऊ तक वनाग्नि के सात नए मामले सामने आए है। जिसमें 8.9 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। इसे मिलाकर राज्य में वनाग्नि की घटनाएं बढ़कर 1075 हो गई हैं। 16 मई को वनाग्नि के मामले मसूरी और पौड़ी के लैंसडाउन वन प्रभाग के साथ-साथ तराई पूर्वी वन क्षेत्र के है। इन सबके बीच राहत की बात ये है कि चारधाम यात्रा मार्ग पर वनान्गि का कोई भी मामला सामने नहीं आया है।

अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, तराई पूर्वी वन प्रभाग के आरक्षित वन क्षेत्र में एक, मसूरी वन प्रभाग में चार और लैंसडौन वन प्रभाग में आग की दो घटनाएं हुई हैं। इसे मिलाकर गढ़वाल में अब तक 410 और कुमाऊं में 576 वनाग्नि की घटनाएं हो चुकी हैं, जबकि वन्य जीव क्षेत्र में 89 घटनाएं हुई। अपर प्रमुख वन संरक्षक के मुताबिक, जंगल में आग लगाने के आरोप में अब तक 421 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इसमें 64 ज्ञात और 357 अज्ञात मामले शामिल हैं।

जयहरीखाल महाविद्यालय परिसर तक पहुंची आग

बृहस्पतिवार को एक बार फिर पौड़ी नेशनल हाईवे पर पीजी कॉलेज जयहरीखाल से सटे भूमि संरक्षण वन प्रभाग लैंसडौन के सिविल वन क्षेत्र में सुबह 11:00 बजे के करीब आग भड़क गई। देखते ही देखते आग ने महाविद्यालय परिसर से सटे क्षेत्र को अपने आगोश में ले लिया। आग महाविद्यालय प्रांगण, बीएड संकाय एवं प्रशासनिक भवन परिसर के पास तक पहुंच गई। धुएं के गुबार से महाविद्यालय में वार्षिक परीक्षा दे रहे परीक्षार्थियों एवं बीएड कक्षाओं में अध्ययन कर रहे छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. एलआर राजवंशी एवं अन्य कर्मचारी भी वन कर्मियों के साथ आग बुझाने के लिए उतर गए। धुएं के कारण आसपास के गांवों के ग्रामीणों, राहगीरों और एनएच से वाहनों आवाजाही कर रहे लोगों को भी परेशान होना पड़ा। आग से महाविद्यालय परिसर एवं हटनिया के आसपास कई हेक्टेयर वन संपदा जलकर खाक हो गई। रेंजर बीडी जोशी ने बताया कि अब तक सात-आठ बार इस क्षेत्र में आग लग चुकी है। इसके अलावा राजखिल कुल्हाड़ के समीप भी नापखेत में आग लगी हुई थी। दोनों जगह स्टॉफ को मौके पर भेजकर आग पर काबू पा लिया गया है।

उधर, दुगड्डा धुमाकोट मार्ग पर गोदी गांव से सटे दुगड्डा रेंज के जंगल में बुधवार शाम 7:00 बजे के करीब आग लग गई। देखते ही देखते आग ने पूरे क्षेत्र को अपने आगोश में ले लिया। धुएं के कारण मार्ग से आवाजाही कर रहे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। सूचना पर पहुंचे वनकर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद रात 3:00 बजे आग पर काबू पाया। रेंजर प्रमोद डोबरियाल ने बताया कि गोदी गांव के समीप जंगल में आग लगने की सूचना मिली थी, जिस पर स्टाफ को मौके पर भेजा गया था। उन्होंने बताया कि आग से बड़े पेड़ों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। जमीन में उगी घास और सूखे पत्ते जले हैं।

हल्‍द्वानी में धधका चिड़ियाघर का जंगल

बुधवार को हल्‍द्वानी में गौलापार स्थित चिड़ियाघर का जंगल चपेट में आ गया। देर रात तक वन विभाग की टीम आग पर काबू पाने में जुटी हुई थी। कड़ी मशक्कत के बाद वनकर्मियों ने यहां आग पर काबू पाया। नौ मई के बाद से कुमाऊं के जंगलों मे आग का एक भी मामला सामने नहीं आया था। जबकि इससे पूर्व लगातार स्थिति नियंत्रण से बाहर हो रही थी।