Nd tiwari

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी का गुरुवार को लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया। 93 वर्षीय दिग्गज कांग्रेसी नेता ने दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे पिछले लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। किडनी फेल हो जाने के कारण उन्हें नई दिल्ली साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बताया जा रहा हैं की वे पिछले तेरह महीनों से लाइफ सपोर्टिंग सिस्टम पर थे। यह भी एक इत्तेफाक ही है कि एनडी तिवारी जिस दिन पर पैदा हुए, उनका निधन भी उसी दिन पर हुआ (जन्म 18 अक्टूबर 1925- मृत्यु 18 अक्टूबर 2018)।

तीन बार उत्तर प्रदेश और एक बार उत्तराखण्ड (उत्तराँचल) के मुख्यमंत्री रह चुके नारायण दत्त तिवारी का जन्म आज ही के दिन यानी 18 अक्टूबर 1925 में नैनीताल जिले के बलूती गांव में हुआ था। नारायण दत्त तिवारी शुरुआती शिक्षा हल्द्वानी, बरेली और नैनीताल में हुई। तिवारी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से राजनीतिशास्त्र में एमए किया। 1947 में आजादी के साल ही वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र यूनियन के अध्यक्ष चुने गए।

ब्रिटिश सरकार की साम्राज्यवादी नीतियों के खिलाफ नारे वाले पोस्टर और पंपलेट छापने और उसमें सहयोग के आरोप में उन्होंने  नैनीताल जेल में 15 महीने की सजा काटी। 1951-52  में उत्तर प्रदेश के पहले विधानसभा चुनाव में तिवारी ने नैनीताल (उत्तर) सीट से सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर हिस्सा लिया। कांग्रेस की हवा के बावजूद भी वे चुनाव जीत गए और पहली विधानसभा के सदस्य के तौर पर सदन में पहुंच गए। एक जनवरी 1976 को वह पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। वह अकेले राजनेता हैं जो दो राज्यों के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उत्तर प्रदेश के विभाजन के बाद वे उत्तरांचल के भी मुख्यमंत्री बने। बाद में तिवारी आंध्रप्रदेश के राज्यपाल बनाए गए लेकिन यहां उनका कार्यकाल बेहद विवादास्पद रहा।ex-cm-nd-tiwari

इसके अलावा उनकी निजी जिन्दगी में भूचाल तब आया जब दिल्ली के एक युवक रोहित शेखर शर्मा ने खुले आम मीडिया के सामने आकर बोला की वह एनडी तिवारी का बेटा है। परन्तु एन डी तिवारी ने साफ साफ नकार दिया कि रोहित उनका बेटा नहीं है, उसके बाद मामला कोर्ट में चला गया और डीएनए जांच में पुष्टि होने के बाद उन्होंने सबके सामने कबूला था कि रोहित उनका बेटा है।