रुद्रप्रयाग : रोजगार के लिए अपने घर गाँव छोड़कर बड़े-बड़े शहरों में गए लाखों प्रवासी कोरोना महामारी के चलते अपने मूल गांवों में लौट चुके हैं। हालाँकि कि इसबीच कुछ कोरोना संक्रमित प्रवासियों के आने से पहाड़ में भी कोरोना पहुँच गया है। कोरोना संकट काल में पहाड़ लौटे युवाओं का मन अब वापस जाने का नहीं है। ज्यादातर लोगों को समझ आ गया है कि बड़े शहरों में मशीनों की रफ़्तार से जिन्दगी गुजारने से कहीं अच्छी पहाड़ के गांवों की सुकून भरी जिन्दगी है। गाँव लौटे युवाओं के लिए यहाँ करने के लिए बहुत कुछ है।
कोरोना संकट के दौर में रुद्रप्रयाग की टीम मंगतू ने पलायन पर कटाक्ष करती हुई एक गढ़वाली लघु फिल्म “मंगतू परदेशी” बनायीं है। फिल्म यूट्यूब चैनल पर 5 जून को रिलीज़ होगी। “मंगतू परदेशी” का ट्रेलर दो दिन पहले रिलीज़ किया गया था और मात्र दो दिन में ही फेसबुक, यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से एक लाख से अधिक लोगों द्वारा इसको देखा जा चुका है, और बहुत पसंद किया जा रहा है। लोगों को नवीन सेमवाल (बामणी फेम) और बिपिन सेमवाल की जुगल बंदी काफी पसंद आ रही है। फिल्म की पटकथा उत्तराखंड की युवा लेखिका उपासना सेमवाल ने लिखी है। जबकि फिल्म की फोटोग्राफी/वीडियो ग्राफी हिम्मी चौहान द्वारा किया गया है।
टीम मंगतू इससे पहले भी दो सफल लघु फिल्में बना चुकी है, “covid 19 भितर रा सुरक्षित रा” एवं “परदेशी मंगतू अर परदान दिदा” जो लोगों द्वारा काफी पसंद की गई हैं। “मंगतू परदेशी” का ट्रेलर यहां देखें