उत्तरकाशी: गंगोत्री, यमुनोत्री धामों के अलावा सैकड़ों पौराणिक एवं ऐतिहासिक मंदिर होने के कारण उत्तरकाशी जनपद का विशेष धार्मिक महत्व है। देवभूमि के नाम से प्रचलित उत्तरकाशी जिले में ब्लात्कार, हत्या जैसी जघन्य घटनाओं के होने से समूची देवभूमि शर्मसार हुई है। शनिवार सुबह विकास खंड डुंडा के अंर्तगत भकड़ा गांव में 12 साल की बच्ची के साथ हुई दरिंदगी और दिल दहला देने वाली घटना ने उत्तरकाशी जिले सहित पूरे उत्तराखण्ड को हिला कर रख दिया।
जिले के डुंडा ब्लाक के भकड़ा गांव के दिनेश लाल का परिवार खेती-बाड़ी कर अपनी रोजीरोटी चलाता है। दिनेष लाल तीन लड़कियों व एक लड़के साथ गरीबी का जीवन जी रहे हैं। शुक्रवार रात लगभग दो बजे करीब साथ सो रही 12 साल की बेटी को दरिंदे घर की लाईट काट कर अंधेरे में मुंह बंद कर उठा ले गये और उसके साथ सामुहिक ब्लात्कार कर उसकी हत्या कर दी। परिजन रात से लड़की को ढुंढते रहे, परन्तु उसका कहीं पता नहीं चला, सुबह सात बजे लड़की के शव मिलने की सूचना से परिवार के लोग बुरी तरह से टूट गये। दिनेश लाल के परिवार की यह स्थिति है कि दो जून की रोटी बमुश्किल से जुटाई जाती है। परिजनों से बच्ची के फोटो मांगने पर बच्ची की मां का कहना था कि पैसे की तंगी के कारण लड़की का फोटो नहीं खिंचवा पाये। कक्षा तीन में पढ़ने वाली इस बच्ची की स्कूल में भी फोटो नहीं है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे दिनेश लाल के परिवार पर बच्ची के साथ हुए हादसे से दुखों का पहाड़ टुट पड़ा है।
राजस्व उप निरीक्षक हरीश चंद्र अमवाल ने बताया कि सूबह 7 बजे करीब हर्षमणी चमोली ने सूचना दी है कि कैड़ी गाड पुल पर किसी बालिका का शव पड़ा है। जिस पर राजस्व पुलिस मौके पर पहुंची। इससे पहले शव को ग्रामीणों ने घेरा हुआ था। शव भकड़ा गांव के दिनेश लाल की 12 साल की लड़की का निकला। मामले में परिजनों की तहरीर पर आईपीसी की धारा 302, 376, 363 और 3/4 पोक्सो एक्ट के तहत अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पंचनामा भरने के बाद शव को पीएम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है। आरोपियों की धरपकड़ के लिए पुलिस और राजस्व पुलिस ने घेराबंदी शुरू कर दी है। उत्तरकाशी से देहरादून निकलने वाले वाहनों की गहन चैकिंग का सिलसिला शुरू किया गया है।
12 साल की नाबालिग के साथ गैंगरेप करने के बाद हत्या किये जाने की घटना से जहां देवभूमि उत्तरकाशी शर्मसार हुई है वहीं इस तरह की घटनाओं के घटित होने के पीछे बाहरी लोगों को सत्यापन न किया जाना भी प्रमुख कारण माना जा रहा है, जिससे पुलिस प्रशासन की कार्य प्रणाली भी सवालों के घेरे में है। जिला मुख्यालय उत्तरकाशी सहित जिले के विभिन्न कस्बों और गांवों मं बाहरी लोगों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है, बावजूद पुलिस ऐसे लोगों के सत्यापन करने की जरूरत महसूस नहीं कर रही है। पुलिस की ओर से इस जघन्य घटना को अन्जाम देने वाले लोगों का यदि सत्यापन किया हुआ होता तो संभवतह वह अभी तक पुलिस की गिरफ्त में होते, लेकिन ऐसा न होने पर अपराधी मौके का फायदा उठाकर फरार होने में सफल हो गये। बताया जा रहा है कि ये मजदूर पिछले कई माह से इस क्षेत्र में भवन निर्माण का कार्य कर रहे थे। जिले में इससे पहले नौगांव में भी एक नाबालिग लड़की के अगुवा करने की घटना हुई है, लेकिन स्थानीय लोगों की सूझबूझ के कारण आरोपी लड़की का अपहरण करने में सफल नहीं हो पाया था।