देहरादून: गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान के तत्वावधान में हिन्दी भवन, परेड ग्राउंड, देहरादून में जारी धरना स्थल पर 28वें दिन बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों ने आंदोलन को अपना समर्थन देने की घोषणा की। इस दौरान लोग गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान के क्रमिक धरना कार्यक्रम में भी बैठे।
इस अवसर पर आरटीआई क्लब के अध्यक्ष डॉ। बीपी मैठाणी ने कहा कि गैरसैण पर यदि सरकार की मंशा साफ होती तो अब तक गैरसैण में अवस्थापना विकास के कार्य पूर्ण हो चुके होते। उन्होंने कहा कि सरकार को अपनी मंशा तुरंत साफ करनी होगी। उन्होंने छोटे से प्रदेश में दो राजधानी, दो विधान भवन, एक नया प्रस्तावित भवन बनाने को मूर्खता भरा कदम माना और कहा कि केवल गैरसैण में ही पूर्णकालिक राजधानी बननी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती पर्वतीय प्रदेशों, अन्य हिमालयी राज्य जम्मू काश्मीर राज्य व हिमाचल प्रदेश की भाँति जल, जंगल, जमीन के अधिकार उत्तराखंड के लोगों को मिलने चाहिए थे। परंतु उत्तराखंड के साथ सौतेला व लूटने जैसा नीतिगत व्यवहार हो रहा है।
नैनीताल उच्च न्यायलय के विधिवेता बीपी नौटियाल ने कहा कि बिना स्थाई राजधानी घोषित किए जितने भी कार्य आज तक राजधानी के नाम पर किए गए हैं वे पूर्णत: अवैध हैं। इंजीनियर एपी जुयाल ने कहा कि गैरसैण अभियान का धरना आज 28वें दिवस पर प्रवेश कर चुका है, परंतु सरकार के किसी भी नुमाईन्दे का धरना स्थल पर न पहुंचना सिद्द करता है कि इनके मन में गैरसैण को लेकर चोर बैठा हुआ है। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी अब कमर कस रहे हैं कि गैरसैण राजधानी बनाकर ही दम लेंगे। भारतीय सेना के सेवानिवृत्त कर्नल वीके नौटियाल ने कहा कि देश के नौकरशाहों को भी सैनिकों की तरह विषम परिस्थिति में काम व ट्रॉन्सफर दिया जाना चाहिए। ताकी उनकी सोच से सुविधाभोगी संस्कृति को तोड़ा जा सके। कर्नल नौटियाल ने राजनेताओं से आग्रह किया है कि वह नौकरशाहों की कठपुतली बनकर काम करना छोड़ें व गैरसैण पर ठोस स्टैंड लेना प्रारम्भ करें।
गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान को समर्थन देने वालों में व धरना पर बैठने वालों में आरटीआई क्लब के अध्यक्ष डॉ बीपी मैठाणी, नैनीताल उच्च न्यायलय के वरिष्ठ अधिवक्ता बीपी नौटियाल, लोकतांत्रिक विकास संगठन के एपी जुयाल, कर्नल (से.नि.) वीके नौटियाल, पौडी जनपद के सतपुली क्षेत्र से मनीष खुगसाल ‘स्वतंत्र’, चौबट्टाखाल से अनूप पंत, धूमाकोट से मनीष सुन्द्रियाल, जन सरोकार मंच, द्वाराहाट से मोहन कांडपाल, युवा नेता भार्गव चंदोला, श्रीमती विनीता मैंदोली, श्रीमती मोहनी चौहान, लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, मनोज ध्यानी (राज्य आंदोलनकारी), हर्ष मैंदोली, मदन भंडारी, उपेन्द्र सिंह चौहान, शूरवीर सिंह नेगी, कृष्ण काँत कुनियाल, सुबोध रतूडी, सुनील पुरोहित, दिनेश गुसांई, चंद्रभानू भट्ट, वीरेन्द्र सिंह नेगी, रविन्द्र प्रधान, गणेश धामी आदि बडी संख्या मे समर्थक उपस्थित रहे।