harak-singh-rawat-join-congress

उत्तराखंड की सियासत में अचानक उठापटक शुरू हो गई है। पिछले काफी समय से पार्टी से नाराज चल रहे कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पर कल देर रात भाजपा ने बड़ी कार्रवाई कर दी है। दरसल शनिवार से गुस्साए कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत भाजपा कोर ग्रुप की बैठक में भी शामिल नहीं हुए और रविवार को दिल्ली रवाना हो गए। उनके दिल्ली रवाना के बाद जैसे ही बीजेपी को भनक लगी को वो कांग्रेस में जाने के लिए राजधानी दिल्ली रवाना हुए हैं। तो बीजेपी ने हरक सिंह को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करते हुए छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्यपाल से हरक को तत्काल पद से हटाए जाने का प्रस्ताव किया था।

इसबीच उत्तराखंड भाजपा मंत्रिमंडल से निष्कासन के बाद आज दिल्ली में न्यूज़ एजेंसी ANI से बातचीत करते हुए उत्तराखंड भाजपा के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत बोले “सोशल मीडिया पर चले एक मनगढ़ंत समाचार को आधार बनाकर उन्होंने इतना बड़ा निर्णय ले लिया जबकि मेरे सबसे अच्छे संबंध थे लेकिन उन्होंने मुझे से बिना बात किए हुए इतना बड़ा निर्णय ले लिया। मुझे लगता है कि विनाश काले विपरीत बुद्धि”। हरक सिंह ने आगे कहा मैं कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में अगर नहीं आया होता था तो मैं बीजेपी को 4 साल पहले ही छोड़ देता। मुझे कोई मंत्री पद का शौक नहीं है। मैं सिर्फ काम करना चाहता था। मैं अब कांग्रेस पार्टी से बात करूंगा और उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार पूर्ण बहुमत से आने वाली है. उन्होंने कहा उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार पूर्ण बहुमत से आने वाली है। मैं अब कांग्रेस से बातचीत करूंगा और मैं कांग्रेस में ही जाऊंगा और किसी पार्टी में नहीं जाऊंगा और बिना शामिल हुए भी मैं कांग्रेस के लिए काम करूंगा।

अब यह लगभग तय है कि वह छह साल बाद कांग्रेस में वापस लौट रहे हैं। सूत्रों के अनुसार हरक ने कांग्रेस के समक्ष दावा किया है कि वह लैंसडौन और डोईवाला सीट कांग्रेस की झोली में लाकर डाल देंगे। पिछली बार दोनों ही सीटें भाजपा ने जीती थीं। माना जा रहा है कि कांग्रेस में लौटने पर पार्टी उन्हें डोईवाला सीट से प्रत्याशी बना सकती है। उनकी पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं को भी लैंसडौन से कांग्रेस का टिकट दिया जा सकता है।