Kanwar Yatra 2022

Kanwar Yatra 2022: उत्तराखंड स्थित धर्मनगरी हरिद्वार में 14 जुलाई से शुरू हुये कांवड़ मेले का आज 26 जुलाई को समापन हो गया है। इस बार कांवड़ियों की संख्या ने पिछले 10 सालों के रिकॉर्ड तोड़ दिए। पिछले 13 दिनों में करीब तीन करोड़ 80 लाख शिव भक्त गंगाजल लेने हरिद्वार पहुंचे। बीते दो साल कोरोना संक्रमण के कारण कांवड़ मेला नहीं हो पाया था। अतः इस बार पहले से ही अनुमान लगाया जा रहा था कि इस साल बड़ी तादाद में कांवड़िया हरिद्वार पहुंचेंगे। लिहाजा, इस बार कांवड़ मेले के लिए सरकार ने भी कुंभ मेले की तरह पूरे इंतजाम किए हुए थे। ‌13 दिन तक चली कांवड़ यात्रा सकुशल सम्पन्न हाईवे से लेकर शहर के यातायात की स्थिति सामान्य हो रही। पहले की ही तरह आमजन अब हर जगह आसानी से आ जा सकेंगे। 14 जुलाई से शुरू हुई कांवड़ यात्रा का असर  शहरवासियों के जनजीवन पर पड़ा । एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि अब सभी प्रतिबंध हट जाएंगे। कांवड़ मेला के लिए लगाई गई अब तक पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स भी अब लौटना शुरू हो गई है।

इस बार पड़ोसी राज्य यूपी, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान से भी कांवड़िया उत्तराखंड पहुंचे। 21 तारीख से कांवड़ यात्रा अपने पूरे शबाब पर पहुंच गई थी। आलम ये था कि हरिद्वार में 23 जुलाई से इस कदर भीड़ हो गई थी कि यहां कदम रखना भी मुश्किल हो गया। 13 दिनों तक चली कांवड़ यात्रा के दौरान तीन करोड़ 80 लाख 70 हजार कांवड़ियों ने गंगाजल उठाया। जिनकी वजह से यहाँ करीब 4 हजार करोड़ रुपए का कारोबार हुआ। यात्रा के अंतिम दिन डीएम विनय शंकर पांडेय और एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने कांवड़ यात्रा सकुशल संपन्न होने पर ड्यूटी करने वाले अधिकारियों और कर्मियों को शाबाशी दी। इससे पहले वर्ष 2018 में अभी तक सबसे अधिक 3.76 करोड़ कांवड़िए पहुंचे थे।

 तीन करोड़ की कांवड़ रही आकर्षण का केन्द्र

कांवड़ मेले में सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र तरह-तरह की झांकिया होती है। इस बार सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र बागपत की कांवड़ रही है, जो तीन करोड़ रुपए में तैयार की गई थी। इस कांवड़ यात्रा में डीजे के साथ 200 से अधिक कांवड़िये नाचते गाते चल रहे हैं। इस कांवड़ के डीजे की वजह से कई घरों और होटलों के शीशे भी टूट गए थे। इस डीजे की ऊंचाई और चौड़ाई अधिक होने के कारण यह बहादराबाद टोल प्लाजा पर फंस गयी थी। इसके बाद कांवड़ियों ने इसे खोलकर अलग किया, जिसके बाद यात्रा आगे के लिए रवाना हुई। इसकी वजह से ये सभी कांवड़िये एक दिन बाद हरिद्वार में दाखिल हुए।

10 वर्षों का कांवड़ियों का विवरण

वर्ष          कांवड़ियों की संख्या

  1. 2010        1.15 करोड़
  2. 2011        1.52 करोड़
  3. 2012        1.95 करोड़
  4. 2014        2.65 करोड़
  5. 2015        3.19 करोड़
  6. 2016        3.23 करोड़
  7. 2017        3.70 करोड़
  8. 2018        3.76 करोड़
  9. 2019        3.30 करोड़
  10. 2022       3.80 करोड़

यूपी-उत्तराखंड की सरकारों के साथ पुलिस प्रशासन को भी राहत

कांवड़ यात्रा मंगलवार को श्रद्धालुओं की संख्या का नया रिकॉर्ड बनाकर संपन्न हुई। दो साल से कांवड़ मेला नहीं हुआ था। इस बार बड़ी संख्या में कांवड़िए धर्मनगरी पहुंचे। कांवड़ मेला के प्रभारी बीएल भारती ने बताया, 3.80 करोड़ कांवड़िए हरिद्वार से गंगाजल लेकर वापस लौटे। कांवड़ियों की भारी भीड़ से हरिद्वार-दिल्ली हाईवे तक जाम हो गया। पुलिस के अनुसार, अंतिम दिन 40 से 45 लाख शिव भक्त जल भरकर गंतव्य की ओर रवाना हुए। दावा है कि अभी तक करीब 4 करोड़ कांवड़िए जल भरकर रवाना हो चुके हैं।

इस बार कांवड़ यात्रा के दौरान उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकारों ने पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को विशेष निर्देश जारी किए थे कि कांवड़ियों को रास्ते में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं राजधानी देहरादून से हर रोज मॉनिटरिंग कर रहे थे। सीएम धामी सुरक्षा व्यवस्था देखने के लिए पिछले बुधवार को हरिद्वार भी पहुंचे थे। यहां उन्होंने कांवड़ियों के चरण धोकर स्वागत भी किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को मेरठ, सहारनपुर और बागपत में शिव भक्तों पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए। सीएम योगी के निर्देश पर पुलिस प्रशासन ने भी कांवड़ियों के स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ी। कांवड़ यात्रा सकुशल संपन्न होने पर यूपी और उत्तराखंड की सरकारों के साथ पुलिस प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है।