Heat wave in Dehradun

देहरादून: इस साल उत्तर भारत समेत देश के ज्यादातर हिस्सों में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ रही. उत्तराखंड में भी मैदानी इलाकों में गर्मी से हाहाकार मचा हुआ है. देहरादून, काशीपुर, रुद्रपुर, हरिद्वार आदि मैदानी शहरों में पारा 43 के पार पहुंच गया है। कभी अपने खुशनुमा मौसम के लिए मशहूर रही दून घाटी भी गर्मी से झुलस रही है। इस बार 26 मई के बाद से देहरादून का अधिकतम तापमान लगातार 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक चल रहा था। शुक्रवार को देहरादून में गर्मी ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। मई में पहली बार शुक्रवार को अधिकतम तापमान 43.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा। वहीँ हरिद्वार में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 43.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो साल का दूसरा सबसे अधिक गर्म दिन रहा। देहरादून में अभी तक ऑलटाइम रिकॉर्ड 30 मई 2012 का दर्ज है, तब दून का तापमान 43.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।

हल्द्वानी में भी टूटा 13 साल का रिकॉर्ड

गर्मी ने शुक्रवार को हल्द्वानी में बीते 13 साल के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यहां तापमान 43.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। लोग दिनभर लू से परेशान रहे। मौसम विशेषज्ञ की मानें तो शायद ही पहले कभी हल्द्वानी इतना गर्म रहा हो। उधर, जिले के रामनगर, क्वारब, कोटाबाग, लालकुआं में भी पारा 40 के पार रहा। शुक्रवार को सुबह से ही मौसम गर्म रहा। दिन की शुरुआत में न्यूनतम तापमान 26.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। इसके बाद लगातार पारा चढ़ता गया।

फिलहाल गर्मी से राहत नहीं

अभी देहरादून समेत उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में फिलहाल गर्मी से किसी तरह की राहत दिखती नजर नहीं आ रही हैं। मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि यहां दिन के वक्त हीट वेब यानी गर्म हवाएं चलेंगी। अगले पांच दिन भी तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक ही रहने की संभावना है। इसके लिए देहरादून, हरिद्वार उधमसिंहनगर समेत राज्य के मैदानी हिस्सों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। उत्तराखंड के पर्वतीय शहरों में भी अभी दिन का तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। हालांकि कुछ इलाकों में हल्की बारिश थोड़ा राहत महसूस की जा सकती है।

एक तो गर्मी बेशुमार ऊपर से बिजली की मार

एक तो गर्मी बेशुमार ऊपर से शहर में अघोषित बिजली कटौती ने लोगों को परेशान कर दिया।  कई शहरों तापमान 43 के पर दर्ज किया गया। गर्म हवाओं के चलते दोपहर के समय घर-दफ्तर और प्रतिष्ठानों से निकलना दूभर हो गया। दोपहर में लोग अपने-अपने घरों में कैद नजर आए। दूसरी ओर, तपती गर्मी के बीच बिजली कटौती ने लोगों की मुश्किलें दोगुनी कर दी।