रुद्रप्रयाग: उत्ताराखंड के पहाड़ों में हिमपात शुरू हो गया है। चमोली जिले में बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब और औली में दूसरे दिन भी बर्फबारी हुई। केदारनाथ धाम में जमकर बर्फबारी हो रही है। बर्फबारी के कारण केदारनाथ में पारा लुढ़क गया है। केदारनाथ धाम में दो फीट से अधिक बर्फबारी हुई है। जिससे केदारपुरी में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। बर्फबारी के बाद केदारनाथ में पानी भी जमने लग गया है। बर्फबारी के चलते केदारनाथ धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्य भी ठप पड़ गये हैं। इसके अलावा निचले क्षेत्रों में भी बारिश और बर्फबारी हो रही है। द्वितीय केदार मदमहेश्वर, तृतीय केदार तुंगनाथ, चोपता-दुगलविटटा, कार्तिक स्वामी, देवरियाताल आदि क्षेत्रों में भी बर्फबारी हुई है।
केदारनाथ धाम में दो दिनों से हो रही है बर्फबारी
केदारनाथ में इस मौसम की यह दूसरी बर्फबारी है। इससे पहले केदारनाथ धाम में कपाट बंद होने से पूर्व तीन-चार नवंबर को जमकर हिमपात हुआ था। अब दूसरी बार यहाँ बर्फबारी का सिलसिला जारी हो गया है। दो दिनों से धाम में लगातार बर्फबारी जारी है। केदारनाथ धाम में आने-जाने के सभी पैदल रास्ते भी बर्फ से ढ़क चुके हैं। मंदाकिनी और सरस्वती नदी का पानी भी जम गया है। कई बार तो बर्फ को पिघला कर पानी का जुगाड़ करना पड़ रहा है। बता दें कि केदारनाथ धाम में कपाट बंद होने के बाद सर्द मौसम में भी पुनर्निर्माण कार्य चल रहा है। केदारनाथ धाम में घाटों का निर्माण, शंकराचार्य गददीस्थल निर्माण आदि का कार्य हो रहा है। फिलहाल केदारनाथ में सीमेंट से होने वाला कार्य भी बंद पड़ गया है। वहीं दूसरी ओर मदमहेश्वर, तुंगनाथ, चोपता, दुगलविटटा, कार्तिक स्वामी आदि क्षेत्रों में भी हिमपात हो रहा है। जबकि निचले क्षेत्रों में भी कही बारिश तो कही बर्फ गिर रही है। निचले क्षेत्रों में भी पारा लुढ़कने से अत्यधिक ठंड बढ़ गई है।
मसूरी, धनौल्टी में भी खूब बर्फ़बारी
पहाड़ों की रानी मसूरी और धनौल्टी में भी बुधवार को अच्छी बर्फबारी हुई है। इसके अलावा सुरकुंडा में भी हिमपात की खबर है। मसूरी और धनौल्टी में हिमपात होने से पर्यटकों के चेहरे खिल उठे। कुमाऊं मंडल में भी सुबह के समय रानीखेत, अल्मोड़ा, बाजपुर, नैनीताल, पिथौरागढ़ आदि स्थानों पर बादल छाए रहे। मौसम विज्ञान के अनुसार अगले 24 घंटों तक उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में बारिश व पहाड़ों में बर्फबारी का दौर जारी रह सकता है।
गंगोत्री घाटी के हर्षिल में जबरदस्त बर्फ़बारी
उत्तरकाशी जनपद में मौसम के करवट बदलने पर उंचाई वाले क्षेत्रों और पहाड़ियों पर बर्फ़बारी जारी है, वहीँ निचले इलाकों हल्की बूंदा-बांदी हो रही है। हिमपात और बूंदा-बांदी होने से जिले में कड़ाके की ठंड पड़ गई है। ठंड के बढ़ने से समूचे जनपद में जन जीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। गंगोत्री घाटी सहित जिले के उंचाई वाले क्षेत्रों और पहाड़ियों पर सर्दी के मौसम शुरू होने पर अब तक पांच बार हिमपात हो चुका है। गत मंगलवार को मौसम ने अचानक करवट बदली और आसमान में घने काले बादल छाने से उंचाई वाले क्षेत्रों सीधे बर्फवारी शुरू हो गई, जिससे निचले इलाकों में तेज सर्द हवायें चलने से लोग ठंड से बेहाल हो गये।
बुधवार सुबह निचले इलाकों में हल्की बूंदा-बांदी शुरू हुई,जिससे ठंड और अधिक बढ़ गई और लोग अपने घरों में दुबकने के लिये मजबूर हो गये। ठंड से बचने के लिये बाजार के कई स्थानों पर लोगों ने अलाव का सहारा लिया। मंगलवार रात्रि और बुधवार सुबह सुक्की टाप, जसपुर, मुखबा, हर्षिल, थराली, भैरोघाटी, नेलाग, कोपांग, और गंगोत्री धाम में भारी हिमपात हुआ है, जिससे इस क्षेत्र की सभी पहाड़ियां बर्फ की सफेद चादर से ढक गई है। अनुमान के अनुसार गंगोत्री घाटी में एक फिट से अधिक बर्फ जम गई है।
गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष अच्छी बर्फवारी होने से इसे कृषि व बागवानी के लिये लाभकारी माना जा रहा है। बर्फ का नजारा देखने के लिये हर्षिल घाटी में शैलानियों का जमबाड़ा लग गया है। बुधवार को गंगोत्री घाटी के साथ ही दयारा बुग्याल, डोडीताल, पिलंग, जड़ाव तथा यमुनाघाटी के यमुनोत्रीधाम, बौखनाग टिब्बा, केदारा कांठा, राड़ी टाप, रूपन सौड़ा, नाग टिब्बा, जानकी चट्टी, चाईशील, हरकीदून, देव वन सहित कई उंचाई वाले क्षेत्रों में जमकर बर्फवारी हुई है, जिससे जिले के उंचाई वाले दर्जनों गांवों ने भी बर्फ की सफेद चादर ओढ़ दी है तथा इन गांवों को अन्य क्षेत्रों व जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है।