उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी की हत्या के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक्टिव मोड में है। वहीं दूसरी ओर अंकिता भंडारी मर्डर केस में अभी भी लोगों में गुस्सा बरकरार है। ‌उत्तराखंड में होटल, रिजॉर्ट और होम स्टे में गैर कानूनी काम पर लगाम लगाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कमर कस ली है। बता दें कि राज्य में हाल के वर्षों में कई रिजॉर्ट और होमस्टे की आड़ में अवैध कार्य किए जा रहे हैं। राज्य में होटल, रिजॉर्ट और होमस्टे के संचालकों का रिपोर्ट कार्ड बनेगा।

सोमवार को सीएम ने उत्तराखंड में कानून व्यवस्था के चलते सख्त फैसला लिया है। सीएम धामी ने साफ लहजे में कहा कि अब हर होटल, रिजॉर्ट और होम स्टे की प्रत्येक महीने जांच होगी। सभी जिलाधिकारी और कप्तान कैलेंडर बनाकर इस व्यवस्था को सुनिश्चित करेंगे। सीएम धामी का कहना है कि राज्य सरकार बाहर से आने वालों के सत्यापन अभियान में और तेजी लाएगी। साथ ही समय पर समस्त अभियान का रिव्यू भी करेगी।

बता दें कि मुख्यमंत्री अंकिता भंडारी हत्याकांड की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट से कराने की पहले ही घोषणा कर चुके हैं। वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अंकिता भंडारी के गांव डोभ श्रीकोट पहुंचे। हरीश रावत ने अंकिता के परिजनों  से मुलाकात की। इस दौरान हरीश रावत ने पीड़ित परिवार को सांत्वना देते हुए हर संभव मदद की बात कही। इस दौरान हरीश रावत ने मौके से ही सीएम धामी से फोन पर बात की।

वहीं रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि प्रदेश में ऐसे कई रिजॉर्ट और होटल हैं, जिनका न कोई रिकॉर्ड है न रजिस्ट्रेशन।‌मनमाने तरीके से प्रदेश में खुलेआम रिजॉर्ट बनाए जा रहे हैं‌। जिससे आज हमारे पहाड़ की महिलाओं, बेटियों की आबरू खतरे में है। हरीश रावत ने अंकिता हत्याकांड पर कहा कि इस पूरी घटना में सरकार का एक अलग ही रूप नजर आया है। 6 दिन बाद अंकिता का शव बरामद हुआ, जबकि सबको पता था कि आरोपियों ने उसके साथ कुछ गलत कर दिया है।