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देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में ग्रामीण विकास एवं पलायन आयोग उत्तराखंड द्वारा जनपद पौड़ी की सिफारिश रिपोर्ट का विमोचन किया। आंकड़े दर्शाते हैं कि पौड़ी जिले से सबसे ज्यादा पलायन हुआ। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से चिन्ताजनक पलायन हुआ है। 1212 ग्राम पंचायतों (2017-18) में से 1025 ग्राम पंचायतों से पलायन हुआ है। आंकड़ों के अनुसार पौड़ी जिले में हुए कुल पलायन में से लगभग 52 प्रतिशत रोजगार की कमी के कारण हुआ है। जिले से पलायन करने वालों की आयु वर्ग मुख्यतया 26 से 35 वर्ष है। लगभग 34 प्रतिशत लोगों ने  राज्य से बाहर पलायन किया है। आयोग द्वारा किए गए सर्वेक्षण के मुताबिक 2011 के बाद जिले में 186 गांव गैर मानव विहीन हुये हैं, जो कि 2011 के पश्चात मानव विहीन गांवो का 25 प्रतिशत है। वहीं दूसरी तरफ जिले में 112 ग्राम ऐसे हैं जिनकी जनसंख्या 2011 के पश्चात 50 प्रतिशत से अधिक कम हुयी है। पूरे राज्य में ऐेसे 565 ग्राम है।

सबसे अधिक पलायन प्रभावित जनपद पौड़ी के बाद क्रमशः अल्मोड़ा व अन्य जिलों का अध्ययन किया जाएगा। इसके साथ ही राज्य सरकार ग्रामीण विकास से संबंधित सभी विभागों के साथ संयुक्त प्रयास के साथ  पलायन  प्रभावित जिलों में विकास की कार्ययोजना पर कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग ने ग्रामीण विकास की दृष्टि से 3600 करोड़ की योजना बनाई है, जिसे भारत सरकार ने भी संस्तुति दे दी है। यह ऋण व्यवस्था है जिसमें 80 राज्य  तथा 20 केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाता था। अब इसे 60 व 40 कर दिया गया है।राज्य सरकार जल्द ही ग्रामीण विकास की दृष्टि से तमाम योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु एक बड़ी कार्य योजना लॉन्च करेगी। ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की यह सिफारिश रिपोर्ट आयोग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।

इस सम्बन्ध में पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ एसएस नेगी ने जानकारी दी कि ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग, जनपद पौड़ी गढ़वाल के ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास को सुदृढ़ बनाने के लिए सिफारिशों पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। रिपोर्ट में जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों से हो रहे पलायन को कम करने के लिए आयोग द्वारा सामाजिक-आर्थिक स्थिति का विस्तृत विश्लेषण कर इसे सुदृढ़ करने की सिफारिशें शामिल हैं।

2001 से 2011 के बीच खिर्सू, दुगड्डा और थलीसैंण विकासखण्ड़ों की आबादी में वृद्धि हुई है, हालांकि अन्य विकास खण्ड़ों की आबादी घटी है या यह वृद्धि बहुत धीमी हुयी है।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पवार, ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ एसएस नेगी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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