चम्पावत: लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण के लिए गुरूवार को उत्तराखंड में हुए मतदान में कुछ बुजुर्ग मतदाताओं में एक अलग ही जज्बा और उत्साह देखने को मिला। एक तरफ जहाँ 100 साल से भी ज्यादा उम्रदराज कई बुजुर्ग मतदाता वोट देने के लिए अपने परिजनों के सहारे पोलिंग बूथ तक गए। वहीँ चम्पावत जनपद के धरसो गाँव की पैरों से दिव्यांग बुजुर्ग विधवा पार्वती देवी जोशी ने अपने वोट की अहमियत को समझते हुए बिना किसी सहारे के घुटनों के बल रेंगते हुए पहाड़ी जंगल के रास्ते करीब 3 किलोमीटर दूर पोलिंग बूथ पर वोट डालकर एक अलग ही मिशाल पेश की।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक चम्पावत जनपद के धरसो गाँव की 60 वर्षीय विधवा पार्वती देवी जोशी धर्मपत्नी स्वर्गीय भगदेव जोशी दोनों पैरों से दिव्यांग हैं और खड़ी नहीं हो सकती। परन्तु लोकतंत्र के लिए मतदान करने का उनके अंदर इस कदर जज्बा है कि हाथ और घुटनों के सहारे चलते हुए जंगल के रास्ते करीब 3 किलोमीटर दूर पोलिंग बूथ पर पहुंचकर मतदान किया।
हालाँकि गाँव से मुख्य सड़क मार्ग तक पहुँचने के बाद कुछ लोगों ने उन्हें पोलिंग बूथ तक पहुँचाने में मदद जरुर की। वोटिंग के बाद कुछ लोगों ने जब पूछा कि आपके लिए वोट देने आना इतना भी क्या जरूरी था। तो उनका जवाब था कि मेरे मतदान से मेरे पसंद की सरकार बनेगी। जिसके गिरेबान में हाथ डालकर कहूंगी कि उत्तराखंड से पलायन रोको, रोजगार दो, संस्कृति बचाओ, संस्कार बचाओ। उनके इस कड़क जवाब से लोगों के रोंगटे खड़े हो गये। पहाड़ की नारी का कोई जवाब नही जज्बा, मेहनत, हिम्मत सब खून में ही शामिल है। बतादें कि उत्तराखंड में लोकसभा के पोलिंग बूथों के पुनर्गठन के कारण कई गाँव मतदान केंद्र से खासे दूर हो गए हैं। जिस वजह से मतदाताओं को पोलिंग बूथ तक पहुंचने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
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