uttarakhand landslide disaster 2023

Uttarakhand Landslide disaster: उत्तराखंड राज्य इस समय प्राकतिक आपदा से जूझ रहा है। प्रदेश में बीते 15 जून से शुरू हुए मानसून की बारिश ने अब तक पहाड़ों से लेकर मैदान तक तबाही मचाई हुयी है। लगातार हो रही बारिश से एक ओर जहाँ नदी नाले उफान मार रहे हैं, वहीँ  बादल फटने और भूस्खलन से सैकड़ों छोटे बड़े मोटर मार्ग ध्वस्त हो चुके हैं। यही नहीं कई रिहायशी इलाकों में लोगों के घर जमींदोह हो चुके हैं। हालाँकि NDRF और SDRF द्वारा आपदा राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी है।

आपदा से अब तक 78 लोगों की मृत्यु, 18 लापता

राज्य आपदा परिचाल केंद्र देहरादून से मिली जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड में बीते 15 जून से शुरू हुयी मानसून की बारिश और अतिवृष्टि से आई बाढ़ और भूस्खलन के चलते अब तक 78 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 47 घायल हो गए हैं और 18 लापता हैं। सबसे ज्यादा जानमाल का नुकसान रुद्रप्रयाग जिले में हुआ है। यहाँ आपदा में अब तक 19 लोगों की मौत हुयी है। जबकि 15 लोग अब भी लापता हैं। बाढ़ और बारिश में इंसानों के साथ-साथ सैकड़ों मवेशियों की भी जान चली गई है। जिनमें 95 बड़े मवेशी, 474 छोटे मवेशी और 7,170 पोल्ट्री हैं। इसके अलावा करीब 1483 घरों को क्षति पहुंची है।

आपदा से राज्य को 1000 करोड़ का नुकसान

उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा से बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है। आपदा ने सर्वाधिक क्षति पहाड़ की जीवन रेखा कही जाने वाली सड़कों को पहुंचाई है। चारधाम को जोड़ने वाली आल वेदर रोड समेत कई अन्य राजमार्ग, जिला व संपर्क और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कें, सभी मार्ग जगह-जगह ध्वस्त हुए पड़े हैं। ऐसे में पर्वतीय क्षेत्रों में काफी कठिनाइयां भी बढ़ गई हैं। अब तक आई बाढ़ से राज्य में सड़कों, निजी इमारतों और कृषि भूमि को लगभग 1,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। राज्य व राष्ट्रीय राजमार्गों समेत सभी तरह की सड़कों एवं पुलों को हुई क्षति 536 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसके अलावा कृषि भूमि, पेयजल व विद्युत लाइनों, सिंचाई गूलों, भवनों आदि को भी नुकसान पहुंचा है। मानसून अभी सक्रिय है और क्षति का आकलन भी विभागवार चल रहा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में एक मीडिया संवाद में कहा कि उत्तराखंड को मानसून के दौरान प्राकृतिक आपदाओं में अब तक 1000 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। हरिद्वार जिले में बाढ़ व जलभराव से 21 हजार हेक्टेयर गन्ने की फसल खराब हो गई। सड़कों और पुलों को भारी क्षति हुई है।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बारिश कम होने के बाद सड़कों को पुरानी स्थिति में लाने के लिए युद्धस्तर पर काम शुरू होगा।