श्रीनगर गढ़वाल: गढ़वाल विश्वविद्यालय में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान शुक्रवार को द लोनी अर्बन मल्टी-स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसायटी (LUCC) के खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को बडी संख्या महिलाएं सड़कों पर उतर आईं। मुख्यमंत्री से मुलाकात की अनुमति न मिलने पर महिलाओं ने आक्रोश जताते हुए करीब दो घंटे तक ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) को जाम कर दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पुलिस प्रशासन उन्हें हटाने में पूरी तरह विफल रहा। महिला पुलिस बल की कमी के चलते प्रदर्शनकारी महिलाएं भारी पड़ीं। जाम के कारण श्रीकोट से कीर्तिनगर तक यातायात बाधित रहा।
पौड़ी, रुद्रप्रयाग, टिहरी और चमोली सहित कई दूरस्थ जिलों से आई महिलाएं पीपलचैरी धरनास्थल पर एकत्र हुईं और अपने खून से मुख्यमंत्री को पत्र लिखे। जैसे ही ये महिलाएं पत्र सौंपने की तैयारी कर रही थीं, भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। जिससे महिलाओं में रोष फैल गया।
प्रशासन की ओर से मुख्यमंत्री के आने का आश्वासन दिया गया, लेकिन घंटों इंतजार के बावजूद कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा। इस दौरान एक महिला की तबीयत बिगड़ने पर जब प्रशासन ने उसे अस्पताल ले जाने के लिए गेट खोला, तो अन्य महिलाएं भी सड़क पर उतर आईं और पौडी तिराहे पर एनएच पर चक्का जाम कर दिया। धरने का नेतृत्व कर रहीं सरस्वती देवी ने आरोप लगाया कि सरकार लगातार उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि न तो कैबिनेट मंत्री और न ही स्थानीय विधायक ने अब तक उनकी बात सुनी है, जिससे महिलाएं खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही हैं। वैसे प्रशासन ने तीन से पांच महिलाओं को मुख्यमंत्री से मिलने के लिए हामी भर दी थी। पर महिलाओं इसी बात पर अडी रही कि मुख्यमंत्री से सभी महिलायें मिलेंगी।
स्थिति बिगड़ते देख प्रशासन ने सरस्वती देवी समेत कई महिलाओं को हिरासत में लेकर अलग-अलग थानों में भेजा। इस कार्रवाई के बाद कुछ देर में जाम हटवाया गया और हालात सामान्य किए गए। सरस्वती देवी ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन उग्र रूप ले सकता है, और महिलाएं आत्मदाह जैसा कदम उठाने के लिए बाध्य होगें।