Haldwani News: पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड द्वारा आज हल्द्वानी में महा रैली का आयोजन किया। महारैली में प्रदेश के विभिन्न कर्मचारी अधिकारी संगठनों के वर्तमान एवं पूर्व पदाधिकारियों ने बड़ी संख्या में प्रतिभाग किया। पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर टैक्सी स्टैंड से शुरू हुई महारैली वाटिका बैंकट हॉल तक पहुंची। जिसके बाद वाटिका वेंकट हॉल में एक सभा का आयोजन किया गया। जिसमें वक्ताओं ने पुरानी पेंशन बहाली का संकल्प लिया। इस दौरान वक्ताओं ने इस बात पर रोष व्यक्त किया कि सरकार लगातार कर्मचारियों के साथ धोखा कर रही है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी सिंह रावत ने कहा कि एक ओर जहां गैर भाजपा शासित प्रदेशों में सरकारें पुरानी पेंशन बहाल कर रही हैं, वहीं भाजपा शासित राज्यों में पुरानी पेंशन नहीं दी जा रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कर्मचारियों से आह्वान किया कि 1 मई को मजदूर दिवस के दिन देश की संसद तक मार्च के लिए अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर केंद्र सरकार को एहसास दिलाएं कि यदि पुरानी पेंशन बहाल नहीं की गई तो 2024 की डगर आसान नहीं होगी।

प्रदेश प्रभारी विक्रम रावत ने कहा कि किसी भी स्थिति में हमें 2024 से पूर्व पुरानी पेंशन बहाल करवानी है। उन्होंने कर्मचारियों से अनुरोध किया कि वह अपनी पूरी ताकत झोंक दें और इस लड़ाई को मंजिल तक पहुंचाने मैं अपना सहयोग प्रदान करें। प्रांतीय सचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कि एक ओर सांसद, विधायक एक दिन के लिए के लिए भी विधानसभा और संसद में पहुंचते हैं तो उन्हें पेंशन दी जाती है। लेकिन हमारे कार्मिकों को जीवन भर नौकरी करने के बाद भी पेंशन नहीं मिलती है।

मोर्चा की प्रदेश महिला अध्यक्ष बबीता रानी ने सभी साथियों से अनुरोध किया कि वे सपरिवार 1 मई को दिल्ली पहुंचे। उन्होंने मातृशक्ति से अनुरोध किया कि अधिक से अधिक संख्या में सपरिवार इस आंदोलन में प्रतिभाग करें और पुरानी पेंशन बहाली में अपना महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष जयदीप रावत ने कहा कि आज रिटायर हुए कर्मचारी 1000 से ₹2000 पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। जिससे कि उनके सम्मुख आर्थिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। यह उनके साथ भद्दा मजाक है।

रैली मे मिलिंद बिष्ट, तारागढ़ कड़ियाल, सोहन सिंह मांजिला, रमेश चंद्र पांडे, मनोहर कांत मिश्रा, नर्मदा पांडे, विजय मिश्रा, विजय गुप्ता, मुकेश बांगड़ा, कंचन आर्य, मोहन खातून, तरुण तिवारी, योगेश घड़ियाल, पान सिंह मेहता, दिगंबर फुलरिया, पुष्कर बांसवाड़ा, मोहन राठौर, दीप जोशी, शीतल साहब, दीपक शर्मा, पूरन सिंह, नरेंद्र भाटी, आलोक पांडे, राजीव कुमार, कन्नू जोशी, गिरीश पैन्यूली, प्रेमचंद ध्यानी, माखन लाल, जीवंती देवी, संतोष खंडूरी, डॉक्टर कमलेश मिश्रा, प्रदीप यादव आदि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन अनुज सिंह पूजारी एवं कंचन कुमार आर्य ने किया।