Mangal-geet

श्रीनगर गढ़वाल: उत्तराखंड की लोक संस्कृति एवं परम्पराओं से जुड़े मांगल गीतों के संरक्षण व संबर्द्धन के लिए हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के लोक कला संस्कृति विभाग में 25 दिनों तक आयोजित मांगल प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज सफल समापन हो गया। समापन के मौके पर जीजीआईसी श्रीनगर की छात्राओं व प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाओं ने मांगल गीतों की शानदार प्रस्तुति दी। 25 दिनों की कार्यशाला में लोक विधाओं के ज्ञाताओं ने प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाओं को पारंपरिक मांगल गीतों का प्रशिक्षण दिया।

समापन के बाद कार्यक्रम समन्वयक डॉ. संजय पांडेय ने बताया कि 25 दिनों की कार्यशाला के बाद सभी प्रशिक्षणार्थियों ने मांगल गीतों की प्रस्तुति में बढ़-चढ़कर भागीदारी की। डॉ. संजय पांडेय ने बताया इस प्रशिक्षण शिविर में मांगल गीतों का प्रशिक्षण लेने के लिए संस्कृति केंद्र द्वारा क्षेत्र के सभी स्कूलों,महिलाओं और संस्कृतिकर्मियों को आमंत्रित किया गया था। इसके अलावा अलग-अलग चरणों व अलग-अलग क्षेत्रों से मांगल गायकों को प्रशिक्षण हेतु बुलाया गया। इस दौरान सात-सात दिन तक प्रत्येक विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। प्रथम चरण में नंदप्रयाग से वीरा देवी द्वारा महिलाओं व छात्र-छात्राओं को मांगल गायन का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने कहा उत्तराखंड की पारंपरिक संस्कृति को सहेजने के लिए विभाग प्रयासरत है, और आगे भी यह कार्य निरंतर जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि 29 जुलाई से 6 अगस्त तक नाट्य महोत्सव का आयोजन भी किया जाएगा।

मौके पर सभासद प्रमिला भंडारी, पूजा गौतम, प्रधानाचार्य सुमन लता पंवार, प्रो.एसएस बिष्ट, प्रवीण थपलियाल, कवि जयकृष्ण पैन्यूली, महेश डोभाल, अभिषेक बहुगुणा, अरविंद टम्टा, जनैंद्र कुमार आदि मौजूद रहे।