श्रीनगर : हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के चैरास परिसर में ग्रामीण प्रौद्योगिकी विभाग में मशरूम की खेती एवं स्पॉन (बीज) उत्पादन, कौशल एवं क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि गढ़वाल विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी प्रो. एनएस पंवार व पृथ्वी विज्ञान के संकायाध्यक्ष प्रो. एनएस नैनवाल और कार्यक्रम के संयोजक ग्रामीण प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. आरएस नेगी ने संयुक्त रूप से मशरूम लैब के उद्घाटन के साथ ही प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

इस अवसर पर मुख्य अथिति प्रो. एनएस पंवार ने कहा कि गढ़वाल विश्वविद्यालय द्वारा नित इस तरह के प्रशिक्षण देकर युवाओं और ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रहा है। उन्होने ग्रामीण प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किये गये प्रयासों की सरहाना की। प्रो. एनसी नैनवाल ने कहा कि पहाडी क्षेत्र के किसानों, छात्रों और युवाओं के लिए इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम नियमीत रूप से कराने को बढ़ावा दिया जाना चाहिये। जिससे वह आत्मनिर्भर बन सकें।

चौरास परिसर स्थित ग्रामीण प्रौद्योगिकी विभाग के अध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक प्रो. आरएस नेगी ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उद्यमिता के क्षेत्र में स्पॉन व मशरूम उत्पादन से स्वरोजगार बढ़ाना है। युवा इस क्षेत्र में मशरूम से तैयार होने वाले उत्पादों जैसे मुशरूम शुप, बड़ी, मुशरूम पाउडर, और मुशरूम बिस्किट आदि को भी आर्थिकी का जरिया बना सकते हैं।

6 दिवसीय मशरूम प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश के विभिन्न प्रदेशो से आये मशरूम एंटेरपरेनूर, शोध छात्र एवं विभिन्न विश्वविद्यायलयों के छात्र-छात्राओ समेत 45 प्रतिभागी भाग ले रहें है। इस मौके पर प्रशिक्षणकर्ता डॉ. संतोष सिंह, प्रो. डीएस चैहान, डा. मुनेश कुमार, डा. जे.एस बुटोला, डा. डी.के. राणा, डा. विजयकांत पुरोहित, डा. संतोष सिंह, शोध छात्र नितेश रावत, अंकित सती, प्रतिभा रावत, नवदीप सिंह आदि मौजूद थे।