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नैनीताल : उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट मुकदमों के त्वरित निस्तारण के लिए मोबाइल ई-कोर्ट शुरू करने जा रहा है। हाईकोर्ट के पीआरओ महेंद्र सिंह जलाल ने बताया कि 12 अगस्त को सुबह साढ़े नौ बजे हाईकोर्ट परिसर में मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान अधीनस्थ अदालतों के लिए मोबाइल वैन को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।

उत्तराखंड के लिहाज से पर्वतीय जिलों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से वादकारियों को न्याय मिलने में देरी हो जाती है। दुष्कर्म, छेड़छाड़ व दहेज उत्पीडन की घटनाओं में पीड़िता या गवाहों के अदालत में पहुंचने में आने वाली व्यावहारिक बाधाओं व कठिनाइयों की वजह से भी न्याय मिलने में वर्षों लग जाते हैं। त्वरित न्याय के लिए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की पहल पर राज्य के पांच जिलों में पांच मोबाइल ई-कोर्ट का संचालन शुरू किया जा रहा है।

मोबाइल ई-कोर्ट वैन पूरी तरह सुविधाओं से लैस होगी। इसमें कोर्ट रूम से लेकर प्रिंटर, कंप्यूटर सहित इंटरनेट व अन्य जरूरी उपकरण होंगे। इस कोर्ट में संभव होने पर मौके पर ही वादों का निस्तारण किया जाएगा। मोबाइल-ई कोर्ट के संचालन की जिम्मेदारी जिलों के जिला एवं सत्र न्यायाधीशों की होगी।

जिला जज ही तय करेंगे कि मोबाइल वैन को दूरदराज के किन क्षेत्रों या किन मामलों के निस्तारण के लिए भेजा जाए। राज्य में ई-कोर्ट की विशेषताओं व कामकाज के तरीके की जानकारी देने के लिए हाईकोर्ट की ओर से 11 अगस्त को ब्रीफिंग की जाएगी।