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देहरादून: उत्तराखंड के नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य में निकाय चुनावों पर बहुप्रतीक्षित निर्णायक फैसला दे दिया है। हाईकोर्ट में प्रदेश सरकार को राज्य में इसी महीने निकाय चुनावों की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है। बुधवार को नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से नगर पालिकाओं व नगर निगमो में आरक्षण की प्रक्रिया 15 अक्टूबर तक पूरी करने व उसके बाद चुनाव आयोग से एक सप्ताह के भीतर चुनाव प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए है। इस आधार पर इसी माह 22 अक्टूबर से चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ करने की बाध्यता राज्य सरकार व चुनाव आयोग के समक्ष हो गयी है।

प्रदेश में मई 2018 के बाद से ही चुनाव टलते आ रहे हैं। पूर्व में एकलपीठ ने प्रदेश की 41 पालिकाओं के आरक्षण फिर से निर्धारित करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने इसी के साथ एक अन्य निर्णय में यह स्पष्ट किया कि प्रदेश के नगर निगमों में आरक्षण के संबंध में कोर्ट की ओर से 25 मई 2018 को दिया गया फैसला केवल रुड़की नगर निगम के लिए था। पूर्व में किच्छा नगरपालिका के आरक्षण, बाजपुर, श्रीनगर, भतरौंजखान और सेलाकुई पालिकाओं और रुड़की नगर निगम के परिसीमन को लेकर कोर्ट में विभिन्न याचिकाएं दायर की गईं थीं।

मामले के अनुसार उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय की एकलपीठ ने 25 मई 2018 को राज्य सरकार द्वारा 11 मई 2018 को जारी नगर निगमो के आरक्षण से सबंधित नोटिफिकेशन को निरस्त कर दिया था, जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने खंडपीठ में विशेष अपील दायर की थी। इस मामले की सुनवाई के दौरान एकलपीठ ने सरकार को निर्देश दिए थे कि आरक्षण व परिसीमन सम्बंधित नोटिफिकेशन को एक साथ नए सिरे से जारी करें।

बुधवार को सुनवाई के दौरान महाधिक्वता द्वारा खंडपीठ को बताया कि नगर निगम रुड़की के आरक्षण को लेकर भ्रम है। शेष नगर निगमों के आरक्षण की प्रक्रिया 15 अक्टूबर तक पूरी कर ली जायेगी। इस आधार पर कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिए कि नगर निकायों के चुनाव की प्रक्रिया को सात दिन के भीतर शुरू करें।

साथ ही खंडपीठ ने महाधिवक्ता की सहमति पर रुड़की नगर निगम के आरक्षण की प्रक्रिया शीघ्र सम्पन्न करने को भी कहा, और उसके बाद चुनाव प्रक्रिया शुरू करते हुए भारतीय संविधान के अनुछेद 243 आर व 243यू और यूपी म्युनिसिपल कारपोरेशन एक्ट 1959 के अनुसार नगर पालिकाओं के कार्यकाल समाप्त होने से पूर्व चुनाव हो जाने चाहिए थे। इसके अलावा महाअधिक्वता ने खंडपीठ को बताया कि राज्य की 39 नगर पालिकाओं और नगर पंचायतांे के आरक्षण की प्रक्रिया पहले ही तय हो चुकी है, और श्रीनगर व बाजपुर पालिकाओं के आरक्षण की प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जा रही है। महा अधिक्वता के इस वक्तव्य के आधार पर खण्डपीठ ने सरकार की विशेष अपीलों को निस्तारित कर दिया है।