Char Dham Yatra 2024: उत्तराखंड स्थित चार धामों (केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री) की यात्रा करने के लिए तीर्थयात्रियों में जबर्दस्त उत्साह है। अब तक 16 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने यात्रा के लिए पंजीकरण करा लिया है। इस बार 10 मई से चारधाम यात्रा में शुरू हो रही है। चारधामों की धारण क्षमता को देखते हुए दर्शन के लिए लगने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने ऑनलाइन पंजीकरण के लिए संख्या तय कर दी है। जिसके तहत यमुनोत्री में 9 हजार, गंगोत्री में 11 हजार, केदारनाथ में 18 हजार और बदरीनाथ में 20 हजार तीर्थयात्री ही प्रतिदिन ऑनलाइन पंजीकरण कर सकेंगे। इसमें ऑफलाइन पंजीकरण करने वाले श्रद्धालु शामिल नहीं है। धामों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को घंटों लाइन में खड़ा न रहना पड़े, इसके लिए स्लॉट और टोकन की व्यवस्था बेहतर ढंग से लागू की जाएगी। धाम में पहुंचने पर श्रद्धालुओं को दर्शन करने का समय दिया जाएगा। पर्यटन विभाग के अनुसार, 10 से 31 मई तक की यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण फुल हो चुके हैं। यात्रा पर आने के लिए श्रद्धालुओं को जून महीने में पंजीकरण की तिथि उपलब्ध है।

हेली सेवा के लिए सितंबर में 85 प्रतिशत बुकिंग

केदारनाथ हेली सेवा की बुकिंग के लिए मारामारी है। मई व जून माह में हेली सेवा की बुकिंग फुल हो चुकी है, जबकि सितंबर के लिए 85 प्रतिशत और अक्तूबर के लिए 35 प्रतिशत टिकटों की बुकिंग हो गई है।

सरकार के फैसले का चारधाम होटल एसोसिएशन ने किया विरोध

चारधाम होटल एसोसिएशन की ओर से प्रदेश सरकार से चारधाम यात्रा में यात्रियों के सीमित संख्या की व्यवस्था को समाप्त करने की मांग की गई है। एसोसिएशन का कहना है कि अगर धामों और यात्रा रूटों पर मूलभूत व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखा जाएगा तो यात्रियों के सीमित संख्या करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा यदि उनकी मांगों को पूरी नही किया तो वह कपाट खोलने के समय से अपने होटल बंद कर देगें, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी। इसके साथ ही सड़कों पर आंदोलन किया जायेगा।

रविवार को एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय पुरी ने कहा पिछले साल की तरह इस बार भी सरकार ने चारधामों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ व बदरीनाथ के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या सीमित करने का निर्णय लिया है। जिससे चारधाम यात्रा से जुड़े पर्यटन व्यवसायियों में निराशा का माहौल है। एक ओर सरकार होटल, होमस्टे खोलने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, दूसरी ओर अपनी कमियों को छुपाने के लिए इस तरह के नियम थोप रही है। उन्होंने कहा गत वर्ष भी प्रदेश सरकार ने यात्रियों की सीमित संख्या की व्यवस्था की थी। जिससे चारों धामों से जुड़े होटल सहित अन्य सभी कारोबारियों को नुकसान हुआ था।