पिथोरागढ़ जिले के धारचूला तहसील के ग्राम मल्ला खुमती में शनिवार को खेल-खेल में भकार (लकड़ी का बड़ा बाक्स) में दम घुटने से तीन मासूम भाई-बहनों की मौत हो गई। हादसे से परिजनों के साथ गांव में कोहराम मच गया। सूचना मिलने पर तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक व पुलिस ने गांव पहुंच घटना की जानकारी ली। खुमती निवासी सुरेंद्र सिंह पुत्र खुशाल सिंह अपनी पत्नी के साथ कीड़ाजड़ी लेने जंगल गए थे। उनके तीन बच्चे घर पर दादा-दादी के साथ थे। दादा-दादी भी काम से कहीं चले गए। शनिवार को तीनों घर पर खेल रहे थे। खेलने के दौरान तीनों बच्चे भकार में चले गए। भकार को खुला रखने के लिए लकड़ी का डंडा लगा था लेकिन वह अचानक गिर गया। इसके चलते बच्चे भकार के बाहर नहीं निकल पाए और उसमें दम घुटने से निशा (10), सपना (7), कार्तिक (5) की मौत हो गई। बच्चों के दादा-दादी घर लौटे तो उन्हें बच्चे कहीं नहीं मिले। गांव में भी बच्चों के बारे में पूछताछ की लेकिन कुछ पता नहीं चला। ग्रामीणों ने रातभर बच्चों की खोज की। अंत में जब भकार खोला गया तो उसके अंदर देख ग्रामीणों के होश उड़ गए। तीनों बच्चों के शव भकार में पड़े थे। तीन मासूमों की मौत से दादा-दादी के साथ ग्रामीण भी स्तब्ध है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी आरएस राणा ने बताया कि रविवार को तहसीलदार डा. ललित मोहन तिवारी, राजस्व निरीक्षक व पुलिस टीम मौके पर पहुंची। भाजपा नेता जगत मतरेलिया ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा है कि धारचूला के ग्रामीण आजीविका के लिए कीड़ाजड़ी पर निर्भर हैं, यदि उनके लिए वर्ष भर रोजगार की गारंटी होती तो वह बच्चों को घर में अकेला छोड़ कहीं नहीं जाते।