Sikkim Truck Accident : शुक्रवार को सिक्किम में सेना ट्रक के खाई में गिरने के बाद 16 जवानों की दुखद मौत हो गई थी। वहीं हादसे में चार जवान घायल भी हुए थे। शहीद 16 जवानों में एक जवान उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के धारचूला के रहने वाले थे। जिसके बाद से उत्तराखंड के लाल के शहीद होने पर हल्द्वानी और धारचूला सहित उत्तराखंड में शोक की लहर है।
शहीद रविंद्र सिंह थापा के चाचा भूपेंद्र थापा ने बताया कि रविंद्र के पिता का पहले ही निधन हो चुका है। उनके परिवार में उनकी मां और उनकी पत्नी सहित एक बेटा और एक बेटी है। उनकी मां धारचूला में ही रहती हैं। उनकी पत्नी और बेटा बेटी हल्द्वानी में रामपुर रोड पंचायत घर के पास रहकर पढ़ाई करते हैं। उन्होंने बताया कि रविंद्र 2007 में सेना में भर्ती हुए थे।
शहीद रविंद्र सिंह थापा का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव के श्मशान धारचूला में किया जाएगा। रविंद्र सिंह थापा के शहीद होने के बाद उनके परिजनों में जहां कोहराम मचा हुआ है, वहीं उनके गांव में भी मातम पसरा हुआ है। रविंद्र सिंह थापा के शहीद होने की खबर के बाद उनके घर पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लगा हुआ है।
शहीदों के परिजनों को दो-दो लाख: पीएम नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह ने दुर्घटना में सेना के जवानों की मौत पर दुख जताया। सेना ने एक बयान में कहा, ‘उत्तर सिक्किम के जेमा में 23 दिसंबर को सेना के ट्रक के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से भारतीय सेना के 16 बहादुर कर्मियों की जान चली गई। तत्काल बचाव अभियान शुरू कर दिया गया। ‘जान गंवाने वाले सैन्यकर्मियों के परिवारों को प्रधानमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है।