द्रप्रयाग: पिछले तीन साल से मलेशिया में फंसे उत्तराखण्ड के रुद्रप्रयाग जिले के बुढ़ना गांव का एक युवक ने मदद की गुहार लगाई है। तीन साल से मलेशिया के एक होटल में नौकरी कर रहा यह युवक घर आना चाहता है लेकिन होटल मालिक ने उसका पासपोर्ट जब्त कर दिया है। युवक ने डीएम रुद्रप्रयाग से मदद की गुहार लगाई है। इधर, जन अधिकार मंच ने डीएम के माध्यम से विदेश मंत्री को पत्र भेजकर मदद मांगी है।
जखोली ब्लॉक की लस्या पट्टी के बुढ़ना गांव निवासी 28 वर्षीय अनिल सिंह पुत्र भगवान सिंह जुलाई 2015 में मलेशिया गया था। उस वक्त उसके पास विजिट वीजा उपलब्ध था। केरल के एक व्यक्ति ने उसे मलेशिया पहुंचाया था। इस बीच वह मलेशिया में ताज करी हाउस होटल में नौकरी करने लगा और करीब तीन साल से वह मलेशिया में है। परन्तु पिछले कुछ समय से बीमार रहने के कारण उसने होटल स्वामी से घर लौटने की बात कही, परन्तु उसे घर भेजने के बजाय होटल स्वामी ने उसका पासपोर्ट जब्त कर दिया। जब उसे अपनी जान का खतरा महसूस हुआ तो उसने होटल छोड़ दिया। और उसने फोन पर बताया कि वह किसी तरह होटल से निकल गया है और अपने एक परिचित के यहां रह रहा है।
उसने बताया कि होटल मालिक से जब वीजा बनाने के लिए कहा तो उन्होंने 4 हजार मलेशियन रिंगित (करेंसी) की मांग की, जबकि उसके पास एक भी रुपया नहीं है। एक महीने का वेतन भी होटल मालिक ने नहीं दिया है। अनिल के पिता भगवान सिंह ने बताया कि उनका बेटा तीन साल पहले मलेशिया गया था और तब से घर नहीं लौटा है। वह प्रशासन और सरकार से बेटे को सकुशल घर लौटने में सहयोग की मांग कर रहे हैं। इधर, जन अधिकार मंच ने डीएम के माध्यम से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पत्र भेजकर युवक की मदद की गुहार लगाई है। कहा कि एम्बेसी को मामले से अवगत कराते हुए युवक को सकुशल भारत लौटाया जाए।
जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से जैसे ही सूचना मिली तो युवक की मदद के प्रयास शुरू कर दिए गए। युवक से फोन पर भी बात हो रही है जबकि डीएम के माध्यम से विदेश मंत्री को पत्र भेजते हुए शीघ्र कार्रवाई की मांग की गई है। डीएम मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि इस मामले में प्रशासन की ओर से युवक की मदद के लिए एम्बेसी को लिख दिया गया है।