Sakshami suffering from bone marrow

उत्तरकाशी का सक्षम नया जीवन जीने के लिए होगा ‘सक्षम’,बोन मेरो के इलाज के लिए माता मंगला जी दिया आशीर्वाद

उत्तरकाशी के दूरस्त गांव के चार साल के मासूम सक्षम के माता-पिता की आंखों में आज खुशी के सपने साकार हो रहे है। वह अपने मासूम बेटे की चहल कदमी और उसके खेल-खिलौने के  साथ मंद-मंद मुस्करा रहे है। सक्षम के माता-पिता की आंखें,जो कल तक पहाड़ की दूर पगडंडियों को गौर से इस लिए देखा करती थी कि कोई तो उम्मीद की किरण इन पगडंडियों से होते हुए उन तक पहुंचेगी,उनके बेटे को जीवन देने उसे खुद में समेट लेंगी। जो उनके चार साल के मासूम बच्चे को बोन मेरो जैसी घातक बिमारी से निजात दिला,उसे उसके सपने लौटा देगी।

सक्षम और उसके माता-पिता के लिए उनकी उम्मीद की किरण के बनकर पहुंचा है,माता मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज जी के आशीर्वाद के साथ,द हंस फाउंडेशन,जिसने सक्षम के इलाज का बीड़ा उठाया है।

आपको बता दें कि उत्तराकाशी जिले के रहने वाला चार साल सक्षम पिछले कई दिनों से बोन मेरो जैसी घातक बीमारी से ग्रस्त है। जिसके के इलाज पर लगभग 25 लाख रूपये का खर्च आ रहा है। लेकिन सक्षम के परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं हैं की वह अपने बच्चे के इलाज के लिए इतनी बड़ी रकम की व्यवस्था कर पाएं। सक्षम की बीमारी और ऊपर से गरीबी ने उसके  माता-पिता की सारी उम्मीदों को धुमिल कर दिया। लेकिन पहाड़ के हर जरूरमंद और गरीब व्यक्ति के साथ हमेशा की तरह खड़े द हंस फाउंडेशन एक बार फिर से सक्षम के जीवन में वरदान बन कर आया है।

द हंस फाउंडेशन,माताश्री मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज के आशीर्वाद से बोन मेरो से पीड़ित सक्षम के इलाज के लिए 10 लाख रूपये की आर्थिक सहायत प्रदान कर रहा है। जिसके बाद सक्षम के माता-पिता की आंखें खुशी से नम् है। उन्हें अपने बच्चे का बचपन अपने खेत-खलिहानों में खेलते हुए दिख रहा है और सक्षम को अपनी जीवन यात्रा ‘सक्षम’ होते हुए।

इसलिए तो पहाड़ की जीवन रेखा कहा जाता है,द हंस फाउंडेशन को जो पिछले दस वर्षों से देश  में स्वास्थ्य-शिक्षा के क्षेत्र में अलख ही नहीं जगा रहा है। बल्कि उन लोगों को घातक से घातक बीमारियों से लड़ने के लिए मजबूत भी कर रहा है। जो तमाम बीमारियों से ग्रस्त है। इसी का परिणाम हैं कि आज के समय में पहाड़ से लेकर मैदान तक लोगों को उन्हीं के खेत-खलिहानों में हर बीमारी का इलाज मिल रहा है।

लेकिन सक्षम के चेहरे पर हंसी लौटने के लिए अभी उसके परिवार को और भी मदद की आवश्यकता है। सक्षम को उंगली पकड़,खड़ा कर चलाने के लिए अभी उसे बहुत हाथों की जरूरत है। जिसके लिए आप सब की मदद की आवश्यकता है। सक्षम के परिवार को आप सब की मदद की आवश्यकता है। उम्मीद है, आप सब इस संकटग्रस्त समय में सक्षम के साथ खड़े होंगे, ताकि हम सबका सक्षम अपने जीवन को जीन के लिए ‘सक्षम’ हो सके। हंस फाउंडेशन की मदद के बाद, बोन मेरो से पीड़ित उत्तरकाशी के सक्षम को अब आपकी मदद की दरकार है.