इन दिनों उत्तराखंड से लेकर दिल्ली-एनसीआर तक मौसम का मिजाज बदला हुआ है। यहाँ से अभी तक मानसून विदा नहीं हुआ है। पिछले दो दिनों से दिल्ली से लेकर उत्तराखंड तक झमाझम बारिश हो रही है। उत्तराखंड राज्य में पिछले 48 घंटे से लगातार हो रही भारी बारिश के चलते आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। तो वहीं, मौसम विभाग के अनुसार उत्तराखंड राज्य में अगले 3 दिनों तक बारिश जारी की संभावना है। जिसमें मुख्य रूप से प्रदेश में कुमाऊं रीजन के जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है।
मौसम विभाग द्वारा 10 अक्टूबर को उत्तराखंड के चम्पावत, अल्मोड़ा और नैनीताल जिलों में भारी बारिश और आकाशीय बिजली गिरने की संभावना जताई गयी है। मौसम विभाग द्वारा चम्पावत, अल्मोड़ा और नैनीताल जिलों में भारी बारिश की चेतावनी के जारी करने के बाद इस तीन जिलों के जिलाधिकारियों ने 10 अक्टूबर को अपने-अपने जिलों में कक्षा 12 तक के सभी स्कूल बंद रखने ले आदेश दिए हैं।
जिलाधिकारियों के आदेशानुसार इन तीनों जिलों में कक्षा एक से कक्षा 12 तक के सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र 10 अक्टूबर को बंद रहेंगे। वहीं अल्मोड़ा और नैनीताल जिले में सभी शिक्षकों और कर्मचारियों को स्कूल आना होगा।
कुमाऊं मंडल में पिछले 48 घंटे से हो रही वर्षा से जनजीवन प्रभावित है। नदी-नाले उफान पर हैं तो नदी किनारे के ग्रामीण क्षेत्रों में लोग आपदा को लेकर आशंकित हैं। बारिश से हाईवे समेत 83 सड़कें बाधित हैं और बिजली व पेयजल आपूर्ति प्रभावित हुई है। सीमांत पिथौरागढ़ जिले में चौथे दिन भी तवाघाट-लिपुलेख, थल-मुनस्यारी और चम्पावत-पिथौरागढ़ सीमा हाईवे बंद होने से आवागमन प्रभावित हुआ। पिथौरागढ़ जिला प्रशासन ने बिना अनुमति किसी को भी उच्च हिमालयी क्षेत्रों में न जाने की चेतावनी जारी की है। इसके लिए उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही पुलिस को भी सतर्क किया है।
रविवार को बदरीनाथ, केदारनाथ की चोटियों के साथ हेमकुंड साहिब में बर्फबारी हुई। बदरीनाथ धाम की चोटियों पर बर्फबारी हो रही है। बदरीनाथ हाईवे नंदप्रयाग में दो घंटे सुबह भूस्खलन के कारण बंद रहा। हालांकि वाहनों को सेकोट कोठियालसैंण मोटर मार्ग से निकाला जाता रहा। केदारनाथ धाम की ऊंची पहाड़ियों पर बर्फबारी होने से मौसम ठंडा हो गया है। हालाँकि बारिश और बर्फबारी के बीच केदारनाथ धाम में यात्रियों की आवाजाही जारी है।