वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान, देहरादून संस्थान के स्वर्ण जंयती समारोह के अवसर पर मंगलवार को एक विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. विज्ञान प्रदर्शनी का शुभारम्भ संस्थान की कार्यकारी निदेशक, डा. मीरा तिवारी द्वारा किया गया। संस्थान द्वारा आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी में संस्था के सभी विभागों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। सभी विभागों ने अपने शोधकोर्यों को पोस्टरों, मॉडलो व यंत्रो के माध्यम से प्रदर्शित किया। भू-भौतिकी विभाग ने जहाँ भूकम्प, भूकम्प पूर्वसूचक अध्ययन, सतह से भूगर्भ की जानकारी, जियोडेटिक अध्ययन की जानकारी प्रदर्शित की वहीं अध्ययन मे प्रयुक्त होने वाले यंत्रो के भी प्रदर्शित किया। शैलविज्ञान और भू-रासायनिकी ने हिमालय पर्वत श्रृँखला के भू-गतिकी विकास तथा शेलों के क्षय के विभिन्न तरीकों के अध्ययन पर जानकारी दी। अवसादिकी समुह ने अवसादो की क्रियाशीलता, भू-दृश्य के पुराकाल से वर्तमान तक क्रमिक विकास के अध्ययन की जानकारी दी। संरचना और विवर्तनिकी समुह ने शैलों की विकृति के संदर्भ में शैलों के त्रिविमीय अध्ययन की  जानकारी उपलब्ध करवायी। भू-आकृतिकी व पर्यावरण भू-विज्ञान विभाग ने भू-स्खलन, भू-आकृति, हिमनद आपदा व बचाव की जानकारी दी। वहीं ग्लेशियरों पर किये जा रहे अध्ययनों की जानकारी ग्लेशियर केन्द्र पर उपलब्ध थी। हिमनदों अध्ययन हेतु उपकरणों तथा उनकी उपयोगिता के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। जैवस्तरिकी विभाग ने हिमालयी जीवाश्मों का आधार पर हिमालय पर्वत श्रृँखला के क्रमिक विकास की विभिन्न घटनाओं को सामयिक आधार देने के अध्ययन की जानकारी दी।

संस्थान की केन्द्रीय सुविधाओं यथा यंत्रों प्रयोगशालाओं का विवरण केन्द्रीय सुविधा स्थल पर दिया गया भूकम्प के दौरान सर्तकता व बचाव की जानकरी भी प्रदर्शनी देखने वालो को उपलब्ध करायी गयी। विज्ञान प्रदर्शनी को देखने दून घाटी के विभिन्न स्कूलो और कॉलेजों से हजारो छात्रों ने संस्थान का दौरा किया।