शिक्षिका

गुरूवार को देहरादून मे मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के जनता दरबार में तबादले की मांग को लेकर पहुंची 57 साल की शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा के साथ सीएम दरबार में हुए दुर्व्यवहार, निलबंन व गिरफ्तारी की चौतरफा आलोचना हो रही है घटना के तीसरे दिन आज कांग्रेस एवं यूकेडी के कार्यकर्ताओं द्वारा जगह जगह सीएम के पुतले फूंके गए। कांग्रेस एवं यूकेडी ने कहा कि सीएम अहंकार से भर गए हैं। इस राज्य के गठन में मातृ शक्ति एवं शिक्षकों के योगदान को नहीं भुलाया जा सकता है। इसी को लेकर कांग्रेस एवं उत्तराखण्ड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदेश मे जगह जगह विरोध प्रदर्शन किये जा रहे हैं। नाराज कार्यकर्ताओं ने हल्द्वानी जंतर मंतर में जमकर प्रदर्शन किया एवं सीएम का पुतला फूंका। यह प्रदर्शन महानगर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल छिमवाल के नेतृत्व में किया गया।शिक्षिका

शनिवार को उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ हल्द्वानी इकाई ने जनता दरबार में सीएम के व्यवहार की निंदा की एवं विरोध का एलान किया। संघ ने शिक्षिका के विरुद्ध पुलिस एवं विभागीय कार्यवाही तत्काल निरस्त करने तथा शिक्षिका की मांग को पूरा करने की मांग की है। बैठक में संघ पदाधिकारियों ने एक स्वर मे कहा कि इस घटना में लापरावाह विभागीय अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए। इनकी बजह से ही एक शिक्षिका को मजबूरन सीएम दरबार में जाकर अपमानित होना पड़ा।

बैठक के बाद सीएम को ज्ञापन भेजकर तत्काल निलंबन वापस करने एवं शिक्षिका का सुगम में तबादला करने की मांग की है। जनता दरबार में श्रीमती बहुगुणा के साथ किए गए सीएम के व्यवहार से संपूर्ण शिक्षा जगत हैरान है। सीएम के स्तर पर इस तरह के अपमान को कोई भी शिक्षक या आम आदमी सहन नहीं करेगा। संघ ने ज्ञापन में मांग न मानी जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। ज्ञापन देने वालों में जिलाध्यक्ष मनोज तिवारी, जिला महामंत्री डिगर सिंह पडियार, जिला कोषाध्यक्ष मदन मोहन सिंह विष्ट समेत तमाम पदाधिकारी मौजूद थे।

हल्द्वानी मे यूकेडी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर सीएम का पुतला फूंका 

यूकेडी कार्यकर्ताओं ने भी शिक्षिका के साथ हुए दुर्व्यवहार के विरोध मे आज हल्द्वानी स्थित जंतर मंतर में सीएम का पुतला फूंका। यह प्रदर्शन यूकेडी यूथ केंद्रीय अध्यक्ष सुशील उनियाल के नेतृत्व में किया गया। इस मौके पर एक सभा भी की गयी । जिसमें यूकेडी कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार को राज्य गठन की लड़ाई में शिक्षकों एवं मातृशक्ति के योगदान का स्मरण कराया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि वायरल वीडियों मे सीएम भी शिक्षिका को अपशब्द बोलते नजर आ रहे हैं। वक्ताओं ने कहा कि शिक्षिका ने कोई गलती नहीं की है। गलती शिक्षा विभाग के अधिकारियों की हैं। जो पिछले 25 साल से शिक्षिका की समस्या का समाधान नहीं कर पाए। बाद में कार्यकर्ताओं ने भारी नारेबाजी के साथ सीएम का पुतला फूंका। सभा को जिलाध्यक्ष मुकेश पांडे, केंद्रीय संगठन मंत्री रवि वाल्मीकि, महानगर अध्यक्ष मनोज नेगी ने संबोधित किया।

कांग्रेसियों ने नौगांव, उत्तरकाशी मे सीएम का पुतला फूंका

उत्तरकाशी: उत्तरकाशी जिले के नौगांव ब्लॉक के राजकीय प्राथमिक प्राथमिक विद्यालय ज्येष्टवाड़ी में तैनात महिला शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा के साथ सीएम दरबार में हुए दुर्व्यवहार व निलबंन के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शनिवार को विरोध दर्ज करते हुये हनुमान चैक पर सीएम का पुतला फूंका।

जिला कांग्रेस कमेटी संयोजक मनमोहन शाह ने कहा कि सीएम ने शिक्षिका के साथ दुर्व्यहार किया है, जिसकी कड़ी निंदा की जाती है। उन्होंने कहा कि यदि तत्काल प्रभाव से महिला शिक्षिका का निलंबन वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन तेज किया जायेगा। इस अवसर पर पूर्व नगरपालिका उपाध्यक्ष  रमेश सेमवाल, धर्मेंद्र बत्रा,अंकित उप्पल, विजेंद्र नौटियाल,विजय सिंह अनिल राणा, गंगा विष्णु, यशपाल सजवाण, छैन्प् के मनीष राणा, सुधीश पंवार, राकेश रावत, अभिषेक रावत सहित अनेक कॉग्रेस पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

इधर उत्तराखंड सरकार ने शुक्रवार को कहा कि शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा पंत प्रकरण की जांच की जा रही है और प्रारंभिक जांच में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि स्कूल से लगातार अनुपस्थित रहने के कारण शिक्षिका को पहले भी दो बार निलंबित किया जा चुका है। प्रदेश की शिक्षा सचिव भूपिंदर कौर औलख ने देहरादून में संवाददाताओं को बताया कि प्राथमिक शिक्षिका मामले की जांच खंड शिक्षा अधिकारी स्तर के एक अधिकारी को सौंपी गई है। अधिकारी तीन सप्ताह में जांच पूरी करेंगे और उसी के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

इसके अलावा इससे भी ज्यादा चौंकाने खबर सोशल मीडिया पर चल रही जिसके के मुताबिक़ एक आरटीआइ में ख़ुलासा हुआ है कि सीएम त्रिवेंद्र रावत की पत्नी पिछले 22 साल से सुगम देहरादून में सेवाएं दे रही हैं। 22 साल से उनका किसी दूसरी जगह ट्रांसफर तक नहीं हुआ है। सबसे बड़ी बात ये कि प्रमोशन मिलने के बाद भी त्रिवेंद्र रावत की पत्नी का ट्रांसफर नहीं किया गया है।