handicraft-industry-in-satpuli

कौन कहता कि पहाड़ में रोजगार सर्जित करने के साधन नही हैं। अगर दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो पहाड़ की जवानी औऱ पहाड़ का पानी पहाड़ ही के काम आ सकता है। यदि सही परख हो तो यहां की मिट्टी और गोबर भी सोना बन सकता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया नीलम नेगी नीलकंठ ने। दो साल पहले दिल्ली जैसे शहर में अपना स्वयं का करोबार था, सब कुछ छोड़कर कर सतपुली मलेठी में मशरूम उद्योग के पास एक छोटा सा लघु उद्योग लगाया। जहाँ भीमल के चप्पल, मैट, दरी आदि हस्तकला से अनेक वस्तुओं बनाई जाती है। गुरुवार को यहाँ हवन सामग्री बनवाने की मशीन लगवायी गयी। जिसका उद्धघाटन समाजसेवी उद्योगपति ठाकुर सुंदर सिंह चौहान ने किया। इसके अलावा यहाँ गोबर एवं मिट्टी के गमले, स्वास्तिक के चिन्ह, भगवान की प्रतिमाएं भी बनायी जाती है।handicraft-industry-in-satpuli

नीलम नेगी नीलकंठ ने बिना सरकारी मदद के स्वयं के संसाधनों से पुरानी लुप्त हो रही वस्तुओ को फिर से हस्तकला के माध्यम से एक छोटा सा लघु उद्योग शुरू किया। स्थानीय उद्योगपति ठाकुर सुंदर सिंह चौहान ने बहन नीलम नेगी के जज्बे को देखकर हर संभव मदद करने का भरोसा दिया।

जगमोहन डांगी