teacher Tanuj Sharma arrests in UKSSSC paper leak case

UKSSSC Paper Leak : उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) पेपर लीक मामले में उत्तराखंड STF को बड़ी कामयाबी मिली है। एसटीएफ ने नकल माफिया गैंग की अहम कड़ी माने जाने वाले शिक्षक तनुज शर्मा को गिरफ्तार किया है। STF के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी तनुज शर्मा देहरादून के रायपुर चौक का रहने वाला है और वर्तमान में उत्तरकाशी के राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज नेटवाड़, मोरी में पीटीआई है। एसटीएफ अब तक 17 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

STF ने नकल माफिया गैंग के मास्टरमाइंड के मुख्य साथी तनुज शर्मा को लंबी पूछताछ और पुख्ता सबूतों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। एसटीएफ को आरोपी तनुज शर्मा से पूछताछ में परीक्षा लीक मामले के मुख्य सरगना व कुछ अन्य के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई है। एसटीएफ के अनुसार आरोपी शिक्षक तनुज शर्मा ने पूछताछ में बताया कि करीब 20 अभियार्थियों को परीक्षा से पहली रात को अपने घर में प्रश्न पत्र और उसके उत्तर याद कराए थे। साथ ही कुछ छात्रों को देहरादून से अन्यत्र स्थान पर ले जाकर भी पेपर लीक किया गया था। एसटीएफ उनके संबंध में पूछताछ कर रही है।

एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि उत्तराखंड नकल माफियाओं के तार उत्तर प्रदेश के शातिर लोगों से जुड़े हैं। अंतरराज्यीय नकल माफिया का पर्दाफाश होगा। उत्तरप्रदेश के कुछ जिलों में टीमें  रवाना की जा रही है।

क्या है पूरा मामला

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने स्नातक स्तरीय परीक्षा दिसंबर 2021 में कराई थी। इसके बाद से ही लगातार इसमें धांधली की बात सामने आ रही थी। बीती 22 जुलाई को मुख्यमंत्री के निर्देश पर रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। तब इसकी जांच एसटीएफ को सौंपी गई। इसके बाद से ही एसटीएफ कड़ियां जोड़कर पूरे मामले की जांच में जुटी है।

अब तक 17 लोग गिरफ्तार

एसटीएफ इस मामले में अब तक 17 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। शुक्रवार को एसटीएफ ने सचिवालय के न्याय विभाग में कार्यरत सहायक अपर निजी सचिव सूर्य प्रताप सिंह निवासी जसपुर, ऊधमसिंह नगर को गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि आरोपी से गहन पूछताछ और पुख्ता साक्ष्यों के आधार पर यह बात सामने आई कि पूर्व में गिरफ्तार किए गए मनोज जोशी, अपर निजी सचिव गौरव चौहान और तुषार चौहान के माध्यम से सूर्य प्रताप सिंह ने दो अभ्यर्थियों को पेपर उपलब्ध कराया था।  इसके एवज में अभ्यर्थियों से 18-18 लाख रुपये का सौदा तय किया गया था। इसमें तीन-तीन लाख रुपये परीक्षा से पूर्व और 15-15 लाख रुपये परीक्षा के बाद देना तय हुआ था।

टेलीग्राम एप पर किया था पेपर लीक

परीक्षा का पेपर लीक करने वाले को भी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। यह भी आयोग की आउटसोर्स कंपनी आरएमएस सॉल्यूशन का कर्मचारी था। इसकी जिम्मेदारी पेपर छपने के बाद सील करने की थी, पर शातिर ने तीनों पालियों के एक-एक सेट को टेलीग्राम एप के माध्यम से अपने साथियों को भेज दिया। इस काम के लिए उसे 36 लाख रुपये मिले थे।