श्रीनगर गढ़वाल: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी (एनआईटी) उत्तराखंड के श्रीनगर स्थित अस्थाई कैंपस को ऋषिकेश शिफ्ट करने की खबर फैलते ही श्रीनगर की स्थानीय जनता आक्रोशित हो गई है। लोगों ने इसका कड़ा विरोध करना शुरू कर दिया है। स्थानीय लोगों ने इसे पहाड़ विरोधी हरकत बताया है। लंबे समय से एनआईटी के स्थायी परिसर निर्माण की मांग कर रहे प्रगतिशील जनमंच (प्रजम) व शहर की कांग्रेस कमिटी ने मंगलवार को विरोध स्वरूप अलग-अलग जगहों पर केन्द्र व प्रदेश सरकार के पुतले दहन किए।
मंगलवार को प्रगतिशील जनमंच (प्रजम) से जुड़े लोगों ने शहर में जुलूस निकालकर एनआईटी कैंपस गेट के सामने एनआईटी प्रशासन का पुतला दहन किया। इस अवसर पर प्रजम के अध्यक्ष अनिल स्वामी ने कहा कि एक सोची समझी रणनीति के तहत एनआईटी को पहाड़ों से मैदान की ओर शिफ्ट करने की योजना तैयार हो रही है। इसके अलावा गोला बाजार स्थित गोला पार्क में कांग्रेस के लोगों ने भी केंद्र व प्रदेश सरकार का पुतला दहन किया। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप तिवाडी ने कहा कि केन्द्र व प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के बाद भी जनता को गुमराह किया जा रहा है। शहर कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष भूपेन्द्र पुंडीर ने कहा कि यह एनआईटी किसी पार्टी विशेष का मुद्दा नहीं है यह पहाड़ की अस्मिता से जुड़ा हुआ सवाल है। अगर एनआईटी पहाड़ से शिफ्ट होती है तो प्रदेश सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
पहाडों से एनआईटी का जाना राज्य आन्दोलनकारियों को अपमान
श्रीनगर के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष विपिन चन्द्र मैठानी ने एनआईटी को लेकर एक बयान मे कहा है कि यदि एनआईटी श्रीनगर से बाहर जाती है तो श्रीनगर सहित पूरे पहाड के लिए यह बडा दुर्भाग्य पूर्ण होगा। इससे पहाडो में स्थित अन्य संस्थाओं पर भी बुरा प्रभाव पडेगा। वहीं उन्होने राज्य सरकार से मांग की है कि एनआईटी को लेकर वह कोर्ट में अच्छी तरह पैरवी करे। क्योंकि एनआईटी को लेकर कुछ लोग उच्च न्ययालय भी गये है, इसलिये सरकार को चाहिये कि वह पूरी तैयारियों के साथ कोर्ट में पैरवी करे। उन्होने कहा कि यदि एनआईटी पहाडों से बाहर जाता है तो यह राज्य आन्दोलनकारियों का भी एक बडा अपमान होगा। एनआईटी मुद्दा अब पूरे पहाड की आवाज बन गयी है। इसलिये सरकार को चाहिये कि एनआईटी स्थायी परिसर निमार्ण की शीघ्र घोषणा करे।
उच्च शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री से मांगा इस्तीफा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता धीरेन्द्र प्रताम ने एनआईटी को शिफ्ट करने के मुद्दे पर प्रदेश के मुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा मंत्री से इस्तीफा मांगा है। पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि अगर इस तरह पहाड़ से संस्थानों को मैदानों की तरफ ले जाया जायेगा तो पहाड़ में कौन रहेंगा। उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि धन सिंह रावत प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री होने के साथ-साथ स्थानीय विधायक भी है। उनकी विधानसभा से एनआईटी जैसा बड़ा संस्थान का पलायन करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
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