श्रीनगर गढ़वाल: अजीम प्रेमजी फाउंडेशन श्रीनगर द्वारा प्रारंभिक कक्षाओं के छात्र-छात्राओं के लिए 27 जून से 30 जून तक समर कैम्प का आयोजन किया गया। जिसमें करीब 40 छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिदिन प्रतिभाग किया गया। कैम्प का नाम कलाओं के संग, बचपन के रंग रखा गया। कैम्प में अवकाशों का सदुपयोग करते हुए आर्ट्स, क्राफ्ट, थियेटर, नृत्य, गीत, संगीत, रचनात्मक लेखन, बौद्धिक खेल गतिविधि आदि से बच्चों में ऊर्जा भरी गयी. और उनके अंदर की छिपी प्रतिभा को बाहर निकालने का काम किया गया।
क्राफ्ट और खेल गतिविधियों के माध्यम से उपासना भट्ट द्वारा बच्चों की सृजनात्मकता का विकास किया गया। गैरसैण से आये कला विषय के शिक्षक साथी गुसांईं जी द्वारा रचनात्मक लेखन की बारीकियों से अवगत कराया गया। थियेटर कलाकार अरविंद जी द्वारा थियेटर की जानकारी दी गयी। ध्यान से सुनने और देखने हेतु आवश्यक खेल गतिविधि कराई गयी। गणेश जी द्वारा भी अभिनय की बारीकियों से अवगत कराया गया।
पूरे समर कैम्प के दौरान अजीम प्रेमजी फाउंडेशन से जुड़े जगमोहन कठैत, डॉ0 प्रदीप अंथवाल, बच्चों की प्यारी लता दीदी, अशोक एवं अन्य साथी कैम्प को यादगार बनाने में जुटे रहे और बच्चों के साथ गतिविधियों में शामिल होते रहे।
समापन के अवसर पर सम्मानित अरुण खुगसाल, पौड़ी डाइट से महाबीर कलेठा, जगमोहन कठैत, महेश गिरी, मुकेश काला, दुर्गा लखेड़ा, मैडम मिश्रा एवम अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के सभी सम्मानित साथी उपस्थित रहे।
शिक्षक प्रीतम सिंह बर्त्वाल ने बताया कि 4 दिनों तक चले इस समर कैंप का उनके दोनों बच्चों ने भी खूब लुफ्त उठाया. वे भी अभिभावक के तौर पर चारों दिन पूरे समय तक इस कैम्प में उपस्थित रहे। इस दौरान बच्चों ने बहुत खूब मौज मस्ती की साथ ही खेल-खेल में बहुत कुछ सीखा और आत्मविश्वास लेकर कैम्प से गये। अंत मे कैम्प में बच्चों की मस्ती को देखते हुए दो पंक्तियां।
धूप में निकलो, घटाओं में नहाकर देखो।
जिंदगी क्या हैं, किताबों को हटाकर देखो।