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राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर शांति फाउन्डेशन गोन्डा उत्तर प्रदेश द्वारा वर्चुवल राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमेँ सम्पूर्ण भारत वर्ष के विभिन्न प्रान्तोँ के साहित्यकार समाजसेवी, पर्यावरण विद, शिक्षकोँ ने प्रतिभाग किया।

जिसमें बैटी बचाओ-बेटी पढाओ पर सारगर्भित रूप से चर्चा परिचर्चा की गई। बेटियों को राष्ट्र  की अनमोल पूँजी के रूप में चरितार्थ किया गया। इस राष्ट्रीय बालिका दिवस मेँ उत्तराखंड से अखिलेश चन्द्र चमोला को बेटी बचाओ बेटी पढाओ सम्मान से सम्मानित किया गया। सँस्था के सँयोजक डॉ. सुनील कुमार आनन्द ने चमोला को सम्मानित करते हुये कहा कि उत्तराखंड से अखिलेश चन्द्र चमोला बाल प्रतिभा सम्मान समारोह परिषद के माध्यम से निरन्तर भावी पीढी पर केन्द्रित साहित्य का सृजन करने के साथ ही 22 वर्षोँ से बाल प्रतिभाओं तथा समाज में बेहत्तरीन कार्य करने वालोँ को अपने निजी व्यय पर सम्मानित करने का अनुकरणीय कार्य कर रहेँ हैँ। जो अपने आप मेँ उत्कृष्ट मुहिम है।

इसके साथ ही चमोला बच्चों को नशे से दूर रहने की प्रतिज्ञा भी दिलाते रहते हैं। इस तरह के कार्योँ से भावी पीढी में भारतीय संस्कृति के बीजरोपित होते हैं, इस राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित होने पर चमोला ने सँस्था का आभार व्यक्त प्रकट करते हुए कहा कि जीवन पर्यन्त भावी पीढी के लिए बेहतर से बेहतर कार्य करता रहूँगा। मेरे लिये भावी पीढी ही सर्वोपरि है। इन्हीं से हम आदर्श समाज व राष्ट की कल्पना कर सकते हैं। विदित हो कि चमोला अपने उत्कृष्ट कार्योँ के  कारण 100 से भी अधिक राष्ट्रीय सम्मानोपाधियोँ से सम्मानित हो चुके हैं। शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने पर 2017 मेँ मुख्यमंत्री सम्मान, राज्यपाल पुरस्कार तथा 2020 मे काइट्स क्राफ्ट ऐजुकेशन द्वारा इन्हेँ अन्तराष्टीय शिक्षक पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।