tiger killed old man

पौड़ी: उत्तराखंड के पौड़ी जनपद के अंतर्गत कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग क्षेत्र से सटे नैनीडांडा ब्लॉक एवं रिखणीखाल ब्लॉक के पिछले कुछ दिनों से आदमखोर बाघ का आतंक फैला हुआ है। इस क्षेत्र में बाघ ने 4 दिनों के अन्तराल में दो बुजुर्गों पर हमला कर उन्हें अपना निवाला बना दिया। जिसके बाद से क्षेत्र में दहशत का माहौल है।

बता दें कि बीते शनिवार को नैनीडांडा ब्लॉक के भैड़गांव (सिमली गांव) में बाघ ने 72 वर्षीय सेवानिवृत्त शिक्षक रणवीर सिंह नेगी को निवाला बना दिया। बुजुर्ग का अधखाया शव आज सुबह घर से करीब 100 मीटर दूर गदेरे में मिला। रणवीर सिंह इन दिनों गांव में अकेले थे। माना जा रहा है कि रणवीर सिंह शनिवार रात शौच करने के लिए घर से बाहर निकले होंगे। तभी बाघ ने उन्हें अपना निवाला बना दिया। शव आज सुबह घर से करीब 100 मीटर नीचे गधेरे के पास झाड़ियों से बरामद हुआ।

इससे 4 दिन पहले इसी रेंज के तहत कालागढ़ टाइगर रिजर्व की सीमा से सटे डल्ला गांव में बीते गुरुवार को एक बुजुर्ग को भी बाघ ने मार दिया था। ग्राम डल्ला के तोक गांव लडवासैंण निवासी बीरेंद्र सिंह (73) बीते गुरुवार शाम घर के समीप ही खेतों में गेहूं काट रहे थे। इस दौरान घात लगाए बैठे बाघ ने उन पर हमला कर दिया। बाघ बीरेंद्र सिंह को घसीटते हुए झाड़ियों में ले गया। शोर सुनकर परिजन और ग्रामीण घटनास्थल की ओर दौड़े लेकिन बाघ ने उसे नहीं छोड़ा। ग्रामीणों ने आग जलाकर और शोर मचाकर किसी तरह बाघ को वहां से भगाया। बाघ ने उनके चेहरे और गले को बुरी तरह से जख्मी कर दिया और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। बाघ के एक के बाद एक हमले के बाद इन क्षेत्रों में ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है।

1UK सामाजिक संगठन के अध्यक्ष लाल सिंह बिष्ट का कहना है कि नैनीडांडा ब्लाक में यह पहली घटना नही है, इससे पहले कई लोगों पर तथा पालतू पशुओं गाय, भैंस, भेड, बकरी आदि को बाघ अपना निवाला बना चुका है। गाँव के एक ब्यक्ति की गाय और बछिया पर भी दो बाघों ने जान लेवा हमला किया। गाँव की सीमा के अंदर ही खेतों में दो बाघ घूमते हुये गाँव वालों ने कई बार देखें हैं। बन विभाग, पुलिस विभाग, शासन प्रशासन, नेता, विधायक, सरकार सब लाचार हैं। इन  मानव भक्सी बाघों का कुछ इलाज नही कर पा रहे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधियों के लिए क्षेत्र का विकास तो दूर की बात है, वे जनता की जान माल की सुरक्षा भी नही कर पा रहे हैं। यह बहुत चिन्ता का विषय है। पहले जंगली जानवर खेती को नुकसान पहुंचा रहे थे, जिसके कारण लोग वहाँ से गाँव खाली कर पलायन करने को मजबूर थे। और अब जो लोग वहाँ पर रह रहे हैं, जंगली जानवर उन पर जान लेवा हमला कर उनकी जान ले रहें हैं।

लाल सिंह बिष्ट ने कहा कि हमारी टीम के संयोजक अजय सिंह बिष्ट व पहाड़ों के राही कुलदीप सिंह रावत ने स्वयं वहाँ जाकर वास्तविकता का जायजा लिया तथा दोनों ब्लाक के गाँव वालों से मिलकर आये। गाँवों में डर, खौफ का माहोल बना हुआ है, गाँवों के लोग हमेंशा डर के माहौल में जी रहे हैं। उत्तराखंड सरकार से निवेदन है कि ऐसी घटनाओं पर शीघ्र संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई कर गाँव की जनता की जान माल की सुरक्षा सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कुछ सुस्त, अकर्मण्य, शासन, प्रशासन, कर्मचारी, अधिकारी, नेता, विधायक, मंत्री, चुने हुए जन प्रतिनियों को चुस्त-दुरुस्त, कर्तव्यनिष्ठ बनाने की आवश्यकता है। तब ही सभी समस्याओं का निराकरण हो पायेगा और जनता के जानमाल की सुरक्षा हो पायेगी।