Two children died after being buried under debris in Gaurikund

Uttarakhand Weather News: उत्तराखंड में भारी बारिश दौर जारी है। मूसलाधार बारिश के कारण हो रहे भूस्खलन से पहाड़ी जिलों में कई जगह से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। सबसे ज्यादा बुरा हाल रुद्रप्रयाग जनपद का है। यहाँ गौरीकुंड में फिर एक बड़ा हादसा हो गया। गौरीकुंड के गौरी गांव में आज सुबह करीब 5 बजे भारी भूस्खलन होने से झोंपड़ी में सो रहे तीन बच्चे मलबे में दब गए। तीनों बच्चों को मलबे से निकाला गया, जिनमें से दो बच्चों की मौत हो गई। एक बच्चे का उपचार चल रहा है।

जानकारी के मुताबिक गौरीकुंड गांव में हेलीपैड से आगे एक नेपाली परिवार खेत से आए मलवा की चपेट में आ गया। इस घटना की जानकारी मिलने पर राहत एवं बचाव टीम मौके पर पहुंची एक बच्ची को सकुशल निकाला तथा दो अन्य बच्चों को चिकित्सालय गौरीकुंड पहुंचाया गया है। जिनमें से बच्ची ठीक है। उसका इलाज किया गया है। जबकि दो अन्य बच्चों को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। बच्चों का पिता सत्यराज अपने गांव नेपाल जा रखा है, जबकि माता जानकी बच्चों के साथ ही डेरे में सो रही थी। जानकी मलवे आने के बाद डेरे से बाहर सकुशल निकल आई थी, जबकि बच्चे मलबे में दबे रह गए थे।

कांडी गांव में बादल फटने से चार गौशालाएं ध्वस्त

पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर तहसील के कांडी गांव में मंगलवार की रात बदल फटने से चार गौशालाएं ध्वस्त हो गई। 4 गोशालाओं में बंधी 6 गाय और 2 बकरी मलबे में दब गई। जबकि 8 रिहायशी भवनों भी खतरे की जद में आ गए। इसके अलावा दमराड़ा गांव के पास तहसील यमकेश्वर से ब्लॉक को जाने वाली सड़क भी टूट गई। यहां अतिवृष्टि से बिजली लाइन भी टूट कर जमीन पर गिर गई है।

पौड़ी के डीएम ने बुधवार को प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए है। डीएम पौड़ी डॉ आशीष चौहान ने कहा कि खतरे की जद में आए भवनो की सुरक्षा को लेकर एक दीवार बनाई जाएगी। डीएम ने साथ ही दमराड़ा के पास जमीन पर गिरी बिजली की लाइनों को तत्काल ठीक करने के निर्देश यूपीसीएल के ईई कोटद्वार को दिए है।

डीएम ने कहा कि बिजली की लाइन को लेकर किसी तरह की कोताही न बरती जाए। मौके पर लोनिवि के अफसरों ने मौके पर टूटी सड़क का निरीक्षण किया। यमकेश्वर के एसडीएम आशीष जोशी ने बताया कि कांडी गांव में मूसलाधार बारिश से 4 गोशालाओं में बंधी 6 गाय और 2 बकरी मलबे में दब गई । साथ ही यहां कई खेतों में भारी मलबा भर गया है। मलबा हटाने के लिए जेसीबी लगाई गई है। प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है।

कोटद्वार-पौड़ी NH 12 जगह तबाह, शहर का पूरे गढ़वाल से कटा संपर्क

कोटद्वार और दुगड्डा क्षेत्र में मंगलवार रात को हुई अतिवृष्टि ने जमकर कहर बरपाया। कई घरों को नुकसान हुआ है। वहीं, कोटद्वार-पौड़ी नेशनल हाईवे 15 किमी के हिस्से में 12 से अधिक स्थानों पर तबाह हो गया है। जिससे शहर का शेष गढ़वाल से संपर्क कट गया है। जरूरी काम से आने वाले लोगों को चट्टान पर चढ़कर पैदल दूरी नापनी पड़ रही है।  मार्ग पर सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं। पूरी रात यात्रियों ने दहशत के बीच वाहनों में ही बैठकर गुजारी। वाहनों के फंसने की सूचना मिलते ही कोटद्वार और दुगड्डा से पुलिस फोर्स पैदल ही सड़क पर फंसे वाहनों तक पहुंची। ज्यादातर यात्रियों को पैदल ही दुगड्डा बाजार और कोटद्वार की ओर लाया गया। एनएच खंड धुमाकोट की ओर से सड़क खोलने के लिए छह जेसीबी लगाई गई हैं।

भारी बारिश से हल्द्वानी में चार मकान बहे, 250 परिवार रात में विस्थापित

बीते दो दिनों से लगातार हो रही बारिश ने मंगलवार रात को हल्द्वानी में बारिश ने भारी तबाही मचाई। सड़के पानी में बह गई तो वहीं कई मकान धराशायी हो गए। काठगोदाम क्षेत्र में कलसिया नाले के किनारे चार मकान बह गए। पुलिस ने करीब 250 परिवारों को वहां से निकालकर नजदीकी इंटर कालेज में सुरक्षित पहुंचाया। हालात ऐसे बने कि नैनीताल रोड नाला बन गई और आवागमन घंटों थमा रहा। पुलिस, प्रशासन और नगर निगम की टीमें पूरी रात शहर में घूमकर लोगों की मदद में जुटी रहीं।

पिथौरागढ़ में पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आने से बीआरओ के जेसीबी ऑपरेटर की मौत हो गई। वहीं नैनीताल के समीप मंगोली क्षेत्र में एक व्यक्ति की बारिश के दौरान तेज बहाव के चलते नाले में बहने से जान चली गई। उधर रुद्रपुर के दिनेशपुर में बीती रात बारिश के दौरान एक पेड़ गिरने से बाइक सवार डिलीवरी बॉय की मौत हो गई।