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पौड़ी जिले के विकासखंड कल्जीखाल के अंतर्गत पट्टी मनियारस्यूं स्थित ग्राम बड़कोट में दो दिवसीय बड़कोट खैरालिंग कौथिग का धूम धाम से समापन हो गया। छोटा खैरालिंग के नाम से प्रसिद्ध बड़कोट खैरालिंग मेले में जेठ की चिलचिलाती धूप की परवाह किये बगैर ही बडी संख्या में श्रद्धालु मेला स्थल पहूंचे। खास बात यह रही कि इस बार मेले में बड़ी संख्या में प्रवासी भी पहुंचे। गत दो वर्षो से कोरोना महामारी के चलते मेले का आयोजन नही हुआ। इस वर्ष भारी संख्या में प्रवासीजन गांव पहुंचे। बड़कोट खैरालिंग मंदिर समिति ने मन्दिर का स्थलीय सौंदर्यकरण के साथ-साथ भव्य प्रवेशद्वार बनाया है। इसके अलावा वाहनों की लिए पार्किंग की समुचित व्यवस्था थी। मेले में भंडारे का आयोजन भी किया गया। मंदिर समिति को क्षेत्रीय विधायक के आने की उम्मीद थी। लेकिन निराशा हाथ लगी। ग्राम प्रधान बड़कोट ने बताया की उन्होंने एक माह पूर्व क्षेत्र विधायक एवं सभी स्थानीय जनप्रतिनिधियों को मेले में आमंत्रित किया था।

यह मेला छोटा खैरालिंग के नाम से प्रचलित है। यहाँ की पूजा भी मुंडनेश्वर खैरालिंग महादेव की तरह ही सकनोली के ही पुजारी ही करते है। एक समय मुंडनेश्वर मेले की तरह ही यह मेला भी पशुबलि के लिए जाना था। यहां भी नर भैसों (बागी) एवं बकरों की बलि प्रथा थी। परंतु वर्ष 2011 के बाद यहाँ भी पशुबलि पूरी तरह से बंद हो गयी है।

मेले में बड़कोट गांव के अलावा कठुड़, पोखरी, बराली, उजेड़ागांव, कुंकली, दिऊसा, असघड़ आदि गांवों के श्रद्धालु पहुंचे थे। मेला आयोजन में मुख्य भूमिका में भगवान सिंह असवाल, त्रिलोक असवाल, विक्रम सिंह असवाल, सपन असवाल, ग्राम प्रधान बड़कोट नवीन कुमार आदि का सहयोग रहा।

बड़कोट मंदिर से जगमोहन डांगी की रिपोर्ट