UKSSSC Uttarakhand Secretariat Paper Leak

Secretariat Guard Recruitment Paper Leak :  उत्तराखंड में स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के बाद उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की एक और भर्ती परीक्षा में पेपर लीक होने का खुलासा हुआ है. (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा की तरह ही सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा में भी पेपर लीक की पुष्टि हुई है। प्राथमिक जांच के बाद एसटीएफ ने रायपुर थाने में पेपर लीक करने वाले गिरोह के 6 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

उत्तराखंड एसटीएफ UKSSSC द्वारा 4 व 5 दिसंबर 2021 को आयोजित की गई स्नातक स्तर की परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच कर रही थी। इस दौरान सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने की बात भी सामने आ गई।

बता दें कि सचिवालय सुरक्षा रक्षक के 33 पदों के लिए 26 सितंबर 2021 को परीक्षा हुई थी। यह परीक्षा 25,805 अभ्यर्थियों ने दी थी। परीक्षा के लिए प्रदेश में 107 केंद्र बनाए गए थे। छह महीने बाद परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया था।

जांच में सामने आया है कि परीक्षा से पहले ही प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी ने प्रश्नपत्र को एक पेनड्राइव में निकालकर दूसरे आरोपित को दे दिया था। इसके बाद यह पेपर अभ्यर्थियों को 10-10 लाख रुपये में बेचा गया था। इस मामले के सामने आने के बाद अब प्रदेश का युवा वर्ग खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है।

डीजीपी ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। जांच में पता चला कि यह पेपर भी लखनऊ स्थित आयोग की आउटसोर्स प्रिंटिंग प्रेस आरएमएस के कंप्यूटर आपरेटर प्रदीप पाल ने लीक किया था।

परीक्षा से एक दिन पहले पेपर पेन ड्राइव में लिया और दूसरे कर्मचारी जयजीत दास निवासी ग्राम भिस्व जिला महाराजगंज (उप्र) वर्तमान निवासी पंडितवाड़ी देहरादून को दिया था।

जयजीत ने यह पेपर न्यायिक कर्मचारी सितारगंज मनोज जोशी, कुलवीर सिंह निवासी सादीपुर, बास्टा, चांदपुर, बिजनौर, पीआरडी के कर्मचारी मनोज जोशी निवासी सेरा, पाटी, जिला चंपावत वर्तमान निवासी सितारगंज ऊधमसिंहनगर और दीपक चौहान निवासी मखडैत पटवारी, टिहरी गढ़वाल को दिया था।

सभी आरोपितों ने कई अभ्यर्थियों को पेपर10-10 लाख रुपये में बेचा था। प्रदीप पाल, जयजीत दास, कुलवीर सिंह, दीपक चौहान, मनोज जोशी, मनोज जोशी (न्यायिक कर्मचारी) के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। ये सभी आरोपित स्नातक स्तरीय परीक्षा में हुए पेपर लीक मामले में भी शामिल हैं।